धनबाद : शहर में मच्छड़ों का प्रकोप, ठप पड़ी है नगर निगम की धुआं गाड़ी
धनबाद कोयलांचल में सर्द मौसम कीr दस्तक के साथ मच्छड़ों का प्रकोप भी बढ़ गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। धनबाद (Dhanbad) कोयलांचल में सर्द मौसम की दस्तक के साथ मच्छड़ों का प्रकोप भी बढ़ गया है. मच्छड़ों से बचने के लिए नगर निगम ने फॉगिंग मशीन की व्यवस्था की थी. निगम के अधिकारी प्रतिदिन सभी 55 वार्डो में फॉगिंग और कीटनाशक दवाओं के छिड़काव का दावा भी कर रहे है. परंतु जमीन पर यह प्रयास दिखाई नहीं देता. वार्डो में कहीं भी मच्छड़ भगाने के उपाय नहीं हो रहे हैं. इधर नालियों में भी गंदगी भरी पड़ी है, जो मच्छड़ों को पनाह दे रही हैं. साफ सफाई की स्थिति ठीक नहीं है. इन मच्छड़ों से डेंगू,मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है.
डीजल बचाएं या मच्छड़ों से बचें
समय-समय पर सभी 55 वार्डों में फॉगिंग निगम की जिम्मेवारी है. परंतु इस काम में डीजल का खर्च उठाना भारी पड़ रहा है. ऐसे में सवाल उभरता है कि डीजल बचाएं या मच्छड़ों से बचने का उपाय करें. फिलहाल मच्छड़ भगाने का काम कुछ आला अधिकारियों के आवास और दफ्तरों तक ही सिमटा हुआ है. सप्ताह या 10 दिन में धुआं गाड़ी उनके आवासीय परिसर में दिख जाती है. निगम के कर्मी खुद कहते हैं कि बड़ी फॉगिंग मशीन में एक घंटे में 8 हजार रुपये के डीजल की खपत होती है. छोटी मशीन में यह खर्च घट कर ढाई हजार हो जाता है.
14 लाख की आबादी, सिर्फ 11 फॉगिंग मशीन
सरकारी आंकड़ों के अनुसार शहर की कुल आबादी 14 लाख है, जबकि मच्छड़ भगाने के लिए निगम के पास 1 बड़ी जम्बो तथा 11 छोटी फॉगिंग मशीन उपलब्ध है. 50 से अधिक छोटी व एक बड़ी मशीन खराब है, जो अलग अलग जगहों पर सड़ रही है.
फॉगिंग तो हो रही है : सहायक नगर आयुक्त
इस मामले में धनबाद नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त प्रकाश कुमार का दावा कुछ और ही है. उनका कहना है कि फॉगिंग का आदेश चार दिन पहले ही दे दिया गया है. फॉगिंग हो भी रही है. कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी हो रहा है. डेंगू के मरीज मिलने की सूचना हमें है. इसी खयाल से सभी 55 वार्डों में मच्छड़ों की रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं.