डीजीसीए ने इंडिगो एयरलाइन कंपनी पर लगाया पांच लाख का जुर्माना, जानें वजह

रांची एयरपोर्ट पर दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट में न चढ़ने देने के मामले में विमानन महानिदेशक डीजीसीए ने इंडिगो एयरलाइन कंपनी पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है।

Update: 2022-05-28 14:45 GMT

रांची एयरपोर्ट पर दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट में न चढ़ने देने के मामले में विमानन महानिदेशक डीजीसीए ने इंडिगो एयरलाइन कंपनी पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है। डीजीसीए ने कहा कि इंडिगो के ग्राउंड स्टाफ ने दिव्यांग बच्चे के साथ जैसा बर्ताव किया, वह ठीक नहीं था और इससे स्थितियां भड़क उठीं। डीजीसीए ने एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया और घटना पर नाराजगी जाहिर की।

डीजीसीए ने दिए थे जांच के आदेश
इससे पहले इंडिगो एयरलाइन के कर्मचारियों ने सात मई को एक दिव्यांग बच्चे को रांची हवाईअड्डे पर विमान में चढ़ने से रोक दिया था। इंडिगो ने इसका कारण बताया था कि बच्चा विमान में यात्रा करने से घबरा रहा था। इस घटना के सामने आने के बाद जहां विमानन नियामक डीजीसीए ने मामले में जांच करने के निर्देश दिए थे।
केंद्र ने भी लिया था संज्ञान
वहीं, केंद्र सरकार ने भी इस पर संज्ञान लिया था। केंद्रीय नागर उड्डयन एवं विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर ट्वीट भी किया था। उन्होंने कहा था कि पूरी जांच उनकी निगरानी में ही होगी। सिंधिया के सख्त तेवर के बाद एयरलाइन ने मांफी मांगी थी।
डीजीसीए ने गठित की थी तीन सदस्यीय टीम
इसके बाद डीजीसीए ने मामले में फैक्ट की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय टीम बना दी थी। तीन सदस्यीय टीम ने रांची और हैदराबाद जाकर एक सप्ताह में साक्ष्य एकत्रित किए थे। समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही यह कार्रवाई की गई थी।
इंडिगो ने दी थी सफाई
इससे पहले इंडिगो ने नौ मई को कहा था कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए एक दिव्यांग बच्चे को सात मई को रांची-हैदराबाद उड़ान में सवार होने की अनुमति नहीं दी गई थी, क्योंकि वह घबराया हुआ नजर आ रहा था। चूंकि बच्चे को विमान में सवार होने से रोक दिया गया, इसलिए उसके साथ मौजूद माता-पिता ने भी विमान में सवार नहीं होने का फैसला किया था।
डीजीसीए ने क्या कहा?
इस पर डीजीसीए ने कहा कि सात मई को रांची हवाईअड्डे पर दिव्यांग बच्चे के साथ इंडिगो के कर्मचारियों का व्यवहार गलत था और इससे स्थिति बिगड़ गई थी। इसमें कहा गया है कि बच्चे के साथ करुणा का व्यवहार किया जाना चाहिए था और बच्चे की घबराहट दूर कर उसे शांत किया जाना चाहिए था। विशेष परिस्थितियों में असाधारण प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है, लेकिन एयरलाइन के कर्मचारी ऐसा करने में विफल रहे। इसे देखते हुए डीजीसीए में सक्षम प्राधिकारी ने संबंधित नियमों के प्रावधानों के तहत एयरलाइन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है। भविष्य में इस तरह की स्थिति से बचने के लिए वह अपने स्वयं के नियमों पर फिर से विचार करेगा, जिसमें यात्री को विमान में सवार होने से रोके जाने का निर्णय लेने से पहले यात्री के स्वास्थ्य पर हवाई अड्डे के चिकित्सक की लिखित राय लेना एयरलाइंस के लिए अनिवार्य किया जाएगा।


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