झारखंड में कोरोना का प्रकोप जारी, सभी तरह के सार्वजनिक आयोजन पर रोक

राजकीय इटखोरी महोत्सव के आयोजन पर इस वर्ष भी कोरोना का ग्रहण छाने लगा है।

Update: 2022-01-06 12:36 GMT

राजकीय इटखोरी महोत्सव के आयोजन पर इस वर्ष भी कोरोना का ग्रहण छाने लगा है। सरकार ने अगले आदेश तक किसी भी तरह के सार्वजनिक आयोजन पर रोक लगा दी है। ऐसे में इस वर्ष भी धूमधाम से महोत्सव का आयोजन हो पाएगा फिलहाल इस पर संशय है।

सभी तरह के आयोजनों पर रोक
मालूम हो कि यहां के ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर परिसर में राजकीय इटखोरी महोत्सव का आयोजन हर वर्ष 19, 20 एवं 21 फरवरी को होता है। वर्ष 2015 में शुरू हुए इटखोरी महोत्सव में देश के कई नामचीन कलाकार कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए आ चुके हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास तीन बार महोत्सव का उद्घाटन कर चुके हैं। जबकि वर्ष 2020 में इटखोरी महोत्सव का उद्घाटन वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों हुआ है।
2021 में भी नहीं हुआ था आयोजन
लेकिन कोरोना के संक्रमण को देखते हुए बीते वर्ष 2021 में राजकीय इटखोरी महोत्सव का भव्य आयोजन नहीं हो पाया था। सांकेतिक रूप से ही महोत्सव का उद्घाटन तथा समापन किया गया था। तीन दिवसीय महोत्सव में कोई भी बड़ा कार्यक्रम नहीं किया गया। मां भद्रकाली मंदिर के साधना चबूतरा पर स्थानीय कलाकारों के द्वारा ही सांकेतिक रूप से छोटे-छोटे कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए थे|
आयोजनों पर कोरोना का संकट
बीते वर्ष सांकेतिक रूप से हुए महोत्सव के आयोजन के समय कार्यक्रम के अतिथियों ने महोत्सव के फीके आयोजन को लेकर निराशा जताते हुए वर्ष 2022 में इटखोरी महोत्सव के भव्य आयोजन का भरोसा जताया था। स्थानीय नागरिकों ने भी महामारी के प्रकोप को देखते हुए महोत्सव के सीमित आयोजन पर इस भरोसे के साथ संतोष प्रकट कर लिया था कि कोरोना का प्रकोप समाप्त हो जाने के बाद अगले वर्ष भव्य तरीके से इटखोरी महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। लेकिन उस वक्त महोत्सव के अतिथियों के साथ स्थानीय नागरिकों को भी यह अंदेशा नहीं था कि कोरोना का संक्रमण 2022 में भी फैलना शुरू हो जाएगा।

राज्य में तेजी से पैर पसार रहा कोरोना
वर्तमान समय में स्थिति यह है कि देश व राज्य के अन्य क्षेत्रों की तरह यहां भी कोरोना का संक्रमण पांव पसारने लगा है। प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सरकार ने कई तरह की पाबंदियां भी लगा दी है। जिसमें सार्वजनिक आयोजन पर रोक की भी पाबंदी शामिल है। देश व प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में कोरोना के संक्रमण की जैसी स्थिति है उससे यह आशंका प्रकट की जा रही है कि फरवरी माह में भी किसी बड़े सार्वजनिक आयोजन के लिए सरकार इजाजत नहीं देगी।
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