झारखंड में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले, रांची में संक्रमण दर 14.50 % पर पहुंची

राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर तेजी आ गई है।

Update: 2022-07-21 02:31 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर तेजी आ गई है। रांची का पॉजिटिविटी रेट जहां पिछले सप्ताह (4-10 जुलाई) 10 से बढ़कर 14.50 प्रतिशत पहुंच चुका है, वहीं कोडरमा, देवघर, पूर्वी सिंहभूम का पॉजिटिविटी रेट 3 प्रतिशत पार कर गया है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सरकार के सभी कोविड अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा करने एवं अगले 60 दिनों का आकलन कर आवश्यक तैयारी का निर्देश दिया है।

उपलब्ध ऑक्सीजन सिलिंडर, वेंटिलेटर, पीएसए प्लांट की क्रियाशीलता आकलन के लिए सभी चिकित्सा संस्थानों में मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया गया है। संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए प्रशिक्षित पारामेडिकल एवं चिकित्सक हर समय उपलब्ध रहें, यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। सभी जिलों को इस कार्य के लिए पूर्व में ही आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। अपर मुख्य सचिव ने राज्य के सभी उपायुक्त सह अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार को इस बाबत पत्र लिखा है।
पॉजिटिव मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का निर्देश
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि राज्य में जून के बाद से संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इसे देखते हुए कोविड की रोकथाम, बचाव तथा समुचित नियंत्रण के लिए पॉजिटिव मरीजों के संपर्कों की जांच (कांटैक्ट ट्रेसिंग) व नियमित जांच को बढ़ाने के साथ-साथ सघन निगरानी, समुचित व्यवहार का अनुपालन एवं टीकाकरण को परम आवश्यक बताया है।
इसी क्रम में कोविड के समुचित नियंत्रण तथा निगरानी के दृष्टिकोण से फाइव फोल्ड स्ट्रेटेजी (टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, वैक्सिनेशन एवं कोविड समुचित व्यवहार का अनुपालन) का अनुपालन सुनिश्चित करने की हिदायत दी है। साथ ही अन्य मानकों के साथ टेस्ट पॉजिटिविटी, जीनोम सिक्वेंसिंग, बेड अक्युपेंसी एवं क्लिनिकल मैनेजमेंट का भी अनुश्रवण करने का निर्देश दिया है।
गंभीर लक्षण वालों को भर्ती कराएं: अरुण सिंह
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि जिले के ऐसे क्षेत्र जहां 10 दिनों में कोविड के मामले प्रकाश में आए हैं, वैसे क्षेत्र को चिह्नित कर प्राथमिकता के आधार पर लक्ष्य तय करते हुए आरटीपीसीआर एवं किट के माध्यम से रैपिड एंटीजेन जांच की जाए। साथ ही कोविड के जो भी मरीज मध्यम या गंभीर लक्षण वाले हैं, उन्हें जरूरत के अनुसार कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराएं।
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