कांग्रेस का आरोप, 'चुनावों से पहले I.N.D.I.A की छवि खराब ,राजनीतिक प्रतिशोध मारे छापे'

Update: 2023-08-23 14:16 GMT
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के मंत्री रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव और कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर बुधवार को शराब घोटाले के सिलसिले में छापेमारी की। इसे लेकर झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने ईडी की छापेमारी को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गुट I.N.D.I.A की छवि खराब करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर किया गया 'राजनीतिक प्रतिशोध' बताया।
झारखंड में कथित शराब घोटाले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत ईडी ने जिन स्थानों पर छापेमारी की उनमें से कई का संबंध वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वित्त मंत्री रामेश्वर ओरांव के बेटे रोहित ओरांव से है। झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि ईडी की छापेमारी 2024 के संसदीय चुनावों से पहले I.N.D.I.A गठबंधन की छवि खराब करने के लिए केंद्र में भाजपा के इशारे पर राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई के अलावा और कुछ नहीं है।
उन्होंने मांग की कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पहले अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस नेता ने पूछा, क्या ईडी पूरे देश में इसी तरह की छापेमारी कर रही है, या शराब केवल झारखंड, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में बेची जाती है? केंद्र पर निशाना साधते हुए ठाकुर ने जानना चाहा कि क्या भाजपा शासित राज्यों में कोई घोटाला नहीं हुआ है।
केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों द्वारा राज्य की राजधानी रांची, दुमका, देवघर और गोड्डा जिलों में लगभग 34 स्थानों की छापेमारी की जा रही है। पिता-पुत्र के एक ही घर में रहने के कारण रामेश्वर उरांव के परिसर को भी कवर किया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि कुछ शराब कारोबारियों के व्यावसायिक और आवासीय परिसरों को भी कवर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की जा रही है। झारखंड कैबिनेट में वित्त, योजना और वाणिज्यिक कर विभाग संभालने वाले 76 वर्षीय रामेश्वर ओरांव लोहरदगा (एसटी) विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। 1972 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ओरांव पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं।
राजेश ठाकुर ने 15 अगस्त को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के समन के समय पर भी सवाल उठाया था। ईडी ने सोरेन को 14 अगस्त को यहां एजेंसी के कार्यालय में उपस्थित होने और पीएमएलए के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा था, लेकिन वह इसमें शामिल नहीं हुए थे। ठाकुर ने कहा, ईडी इतनी जल्दी में थी कि उसने सीएम को तलब करने के लिए 14 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या को चुना।
सोरेन ने ईडी को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि केंद्र में एक राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। सीएम ने अपनी संपत्ति को अवैध नहीं बताते हुए ईडी से समन वापस लेने को कहा है।
 
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