धनबाद: कोयला कामगारों के वेतन के मामले पर कोयला मंत्रालय ने कोल इंडिया पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। कोयला मंत्रालय के ऑफिस मेमोरेंडम से कामगारों के वेतन समझौते पर संकट के बादल छा गए हैं। कोयला मंत्रालय से मंगलवार को जारी एक ऑफिस मेमोरेंडम में कोल इंडिया प्रबंधन के बारे में कहा गया है कि उसने नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट-11 जारी करने का अनुमोदन लिया है। मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी अरविंद कुमार झा द्वारा जारी इस ऑफिस मेमोरेंडम में जबलपुर हाईकोर्ट का उल्लेख है।
इसमें नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट-11 को लेकर 22 जून को दिए गए अनुमोदन को रद्द करने के फैसले के बारे में बताया गया है कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार निर्णय लेने के लिए मामला डीपीए को भेजा गया है। कोयला अधिकारियों की याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट ने एग्रीमेंट को लागू करने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा दी गई मंजूरी को रद्द कर दिया है और लोक उद्यम विभाग से 60 दिनों के अंदर इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। उल्लेखनीय है कि 24 नवंबर 2017 के ऑफिस मेमोरेंडम के अनुसार गैर कार्यकारी कर्मचारियों का वेतनमान कार्यकारी कर्मचारियों से अधिक नहीं हो सकता है।
मंगलवार को जारी कोयला मंत्रालय के ऑफिस मेमोरेंडम से वेतन समझौते को झटका लग सकता है। वहीं, कोयला उद्योग में काम बंद हड़ताल की भी नौबत आ सकती है। कोयला उद्योग से जुड़ीं पांचों यूनियन भारतीय मजदूर संघ, एचएमएस, सीटू, एटक और इंटक ने संयुक्त रूप से कोल इंडिया प्रबंधन को 5, 6 और 7 अक्टूबर को हड़ताल का नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि सितंबर का बढ़ा हुआ वेतन नहीं िमला, तो मजदूर हड़ताल पर चले जाएंगे।