सीएम सोरेन नीति आयोग की बैठक में हुए शामिल, सूखे से निपटने को केंद्र से मांगा विशेष पैकेज

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में उपजे सुखाड़ जैसे हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज की मांग की है।

Update: 2022-08-08 02:09 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में उपजे सुखाड़ जैसे हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज की मांग की है। मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के शासी निकायत की बैठक में यह मांग रखी। यह बैठक रविवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। बैठक में झारखंड के सीएम ने कहा कि पर्याप्त बारिश नहीं होने से झारखंड में सूखे के हालात बनते जा रहे हैं। इस वर्ष अभी तक सामान्य से 50 प्रतिशत कम बारिश हुई है।

राज्य में धान की रोपनी भी 20 प्रतिशत से कम हुई है। इस स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार झारखंड को विशेष पैकेज दे ताकि किसानों को राहत मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में सिंचाई सुविधाओं की कमी है, जिसके कारण हर तीन-चार साल पर झारखंड को सूखे का दंश झेलना पड़ता है। ऐसे में सिंचाई सुविधा को दुरुस्त करने के लिए भी झारखंड को पैकेज दिया जाए।
सीएम ने कहा कोरोना का झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इस कुप्रभाव को कम करने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है और बेहतर परिणाम भी मिल रहे हैं। बीते ढाई वर्षों में झारखंड ने आर्थिक, सामाजिक विकास के क्षेत्र में मजबूती के लिए विभिन्न कदम उठाये हैं। इस आयाम को और अधिक बल देने के लिए केंद्र सरकार का सहयोग झारखंड जैसे पिछड़े एवं आदिवासी बाहुल्य राज्य को मिले।
सिंचाई व्यवस्था के लिए भी झारखंड को मिले पैकेज
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सिंचाई सुविधाओं का घोर अभाव है। मात्र 20 फीसदी भूमि पर ही सिंचाई की सुविधा है। राज्य में 5 लाख हेक्टेयर खरीफ की भूमि अपलैंड की श्रेणी में है जिस पर फसलों में विविधता लाई जा सकती है बशर्ते कि सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो। राज्य में दलहन एवं तिलहन के उत्पादन की भी असीम संभावनाएं है। राज्य में लघु सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई की सुविधा को बढ़ाने के लिए एक विशेष पैकेज स्वीकृत किया जाए।
झारखंड का बकाया 1.36 लाख करोड़ दिलाएं प्रधानमंत्री : सीएम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में विभिन्न कंपनियों के भू-अर्जन, रॉयल्टी के मद में करीब 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया है। लेकिन, कंपनियां इसके भुगतान में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। इस संबंध में कई प्रयास किये गए, पर फलाफल शून्य रहा। सीएम ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि खनन कंपनियों पर झारखंड का बकाया पैसा दिलाने की पहल करें। मुख्यमंत्री ने रविवार को नई दिल्ली में नीति आयोग की शासी निकाय की बैठक में झारखंड की मांगों और हक को रखा।
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