Chandil : ढलाई के एक दिन बाद ही ढही आदिवासी कला केंद्र की छत

Update: 2024-07-24 05:36 GMT
Chandil चांडिल : सरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ प्रखंड के लेपाटांड़ गांव के जाहेरथान के निकट निर्माणाधीन आदिवासी कला केंद्र भवन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. भवन के छत की ढलाई 20 जुलाई को की गई थी और दूसरे ही दिन 21 जुलाई को छत की ढलाई ढह गई. कला केंद्र भवन की छत गिरने के बाद इसके निर्माण में बरती गई गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे हैं. ग्रामीण अब भवन निर्माण की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं. आदिवासी कला केंद्र भवन के छत की ढलाई गिरने के बाद भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है. ग्रामीण ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि भवन का निर्माण काफी घटिया स्तर का किया जा रहा था. राजनीतिक छत्रछाया रहने के कारण ठेकेदार पर विभाग का किसी प्रकार का दबाव नहीं पड़ता था. बताया गया कि भवन निर्माण में नींव नहीं दी गई है. ऐसे में भवन की स्थिति कितनी अच्छी होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है. ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार द्वारा कला केंद्र भवन के निर्माण में शुरू से ही अनियमितता बरती जा रही है. बुनियाद में कम पिलर बनाया है. इसके अलावा छत ढलाई में भी
सरिया कम लगाया गया था.
निर्माणाधीन भवन.
अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए कल्याण विभाग द्वारा एसीए फंड से 24 लाख 50 हजार रुपये की लागत से ईचागढ़ प्रखंड के लेपाटांड़ में आदिवासी कला केंद्र भवन का निर्माण कराया जा रहा है. इसकी छत ढलाई करने के एक दिन बाद ही भरभरा कर गिर गयी है. ग्रामीणों ने बताया कि भवन निर्माण के लिए गांव में कुछ लोगों ने ग्रामसभा कर लाभुक समिति का गठन किया था. लेकिन भवन निर्माण का काम किसी दूसरे व्यक्ति से कराया जा रहा है. भवन निर्माण कार्य को लेकर निर्माण स्थल पर किसी प्रकार का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि आदिवासी कला केंद्र भवन निर्माण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की संस्कृति और उनके हुनर आदि को संजोना है, लेकिन कला केंद्र भवन का छत गिरने से भवन के निर्माण की गुणवत्ता का पता चलता है. ऐसे में भविष्य में लोग ऐसे भवनों में बैठने से कतराने लगेंगे
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