चांडिल : राष्ट्रीय राजमार्ग 32 अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा
किसी भी स्थान के विकास का पैमाना उस स्थान के सड़कों की स्थिति को माना जाता है. किसी शहर की चहुंमुखी विकास के लिए सड़क यातायात के अनुकूल होना चाहिए तब ही विकास संभव है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। किसी भी स्थान के विकास का पैमाना उस स्थान के सड़कों की स्थिति को माना जाता है. किसी शहर की चहुंमुखी विकास के लिए सड़क यातायात के अनुकूल होना चाहिए तब ही विकास संभव है. जमशेदपुर और धनबाद दो औद्योगिक शहरों को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 32 की हालत किसी से छिपी नहीं है. राष्ट्रीय राजमार्ग की चर्चा होते ही चकाचक साफ सुथरी सड़क पर सरपट दौड़ते वाहनों की तस्वीर जेहन में आती है. पर, चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 32 की कहानी उल्टी है. अपनी बदहाली पर राष्ट्रीय राजमार्ग 32 खुद ही आंसू बहा रहा है. चांडिल बाजार जैसे महत्वपूर्ण स्थान में एनएच 32 पर नाली का गंदा पानी बहना आम बात है, वहीं चांडिल बाजार से चांडिल गोलचक्कर तक सड़क पर गड्ढ़ों की स्थिति ऐसी की गिनती करते करते आदमी थक जाए, लेकिन गड्ढे समाप्त नहीं होते. राष्ट्रीय राजमार्ग 32 का सुदृढीकरण का काम चल रहा है. इसके तहत पितकी से घोड़ानेगी स्थित एनएच 33 तक नई बाईपास सड़क का निर्माण भी हो रहा है. पितकी से चांडिल गोलचक्कर तक खस्ताहाल सड़क से परेशान लोग सड़क बनने की आश लगाए बैठे है.