हंगामे के आसार: रांची में आज अपर बाजार की दुकानें होंगी सील, कांग्रेस नेता करेंगे विरोध

झारखंड के रांची में आज अपर बाजार में एक दर्जन से अधिक दुकानों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।

Update: 2022-02-01 03:06 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड के रांची में आज अपर बाजार में एक दर्जन से अधिक दुकानों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए निगम ने जिला प्रशासन से पुलिस बस की मांग की है। उप नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन ने बताया कि दुकानदारों को दुकाने खाली करने के लिए 72 घंटे का समय दिया गया था, जो पूरा हो गया है। आज निगम की टीम दुकानें सील करने के लिए पहुंचेगी।

इधर, सोमवार को व्यापारियों ने चैंबर की अगुवाई में आमसभा की, जिसमें झामुमो की महुआ माजी व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय भी शामिल हुए। बैठक के दौरान व्यापारियों ने कहा कि वर्षों से चल रही दुकानों को आज अवैध घोषित कर तोड़ना और सील करने का नोटिस देकर परेशान करना सही नहीं है। निगम को यह सोचना चाहिए कि ऐसी दुकानों से सरकार और निगम को विभिन्न श्रोतों से राजस्व भी मिलता है। यह स्थिति कमोबेश पूरे झारखंड की है तो क्या पूरे झारखंड में व्यापारिक गतिविधियों को बंद कर वीरान कर दिया जाएगा। व्यापारियों ने कहा कि निगम को इस पर विचार करने की जरूरत है। वहीं, चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि चैंबर इस मामले में व्यापारियों के साथ खड़ा है। किसी भी व्यापारिक प्रतिष्ठान को सील नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने इस मामले में सीएम से हस्तक्षेप की अपील की।
बैठक के दौरान चैंबर के को-ऑर्डिनेशन विथ पॉलिटिकल उप समिति की चेयरपर्सन महुआ माजी ने मुख्यमंत्री से शीघ्र मिलकर समस्याओं के निदान के लिए आश्वस्त किया। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि मैं किसी भी प्रतिष्ठान को सील करते समय विरोध के लिए सबसे पहले उपलब्ध रहूंगा। चैंबर उपाध्यक्ष दीनदयाल बरनवाल ने कहा कि केवल एक अधिकारी के निर्णय से शहर में व्यापारिक गतिविधियों को शिथिल कर देना उचित नहीं है। व्यापारी आंदोलन के लिए विवश होंगे।
अपर बाजार की दुकानों को नोटिस देने पर सुनवाई आज
अपर बाजार की 29 दुकानों को नगर निगम की ओर से सील करने के नोटिस के खिलाफ मामला झारखंड हाईकोर्ट पहुंच गया है। नोटिस के खिलाफ सभी दुकानदारों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में रांची नगर निगम के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें निगम ने कहा है कि उनका मामला अभी ट्रिब्यूनल में लंबित है। इस पर कोई रोक नहीं है, इसलिए उन्हें 72 घंटे में सील कर दिया जाएगा। इस दौरान अधिवक्ता अमृतांश वत्स की ओर से जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में विशेष सुनवाई का आग्रह किया गया। जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए मंगलवार को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। बता दें कि अपर बाजार के कामधेनु कांप्लेक्स सहित अन्य प्रतिष्ठानों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। नगर निगम की ओर से इनका नक्शा पास नहीं होने का हवाला देते हुए नोटिस जारी किया गया है।
भवनों को सील करना निगम का तुगलकी फरमान : डिप्टी मेयर
पूर्व में बने भवनों को रेगुलाइज करने की जगह सील करने का रांची नगर निगम का फरमान किसी तुगलकी फरमान से कम नहीं है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह है कि इस तुगलगकी फरमान पर संज्ञान लेते हुए तत्काल रोक लगाएं एवं पूर्व में बने भवनों को सील करने की बजाय उन भवनों को रेगुलाइज करने के लिए सरल नियमावली लाएं। इन दुकानों को किया जा सकता है सील मंगलवार को निगम की टीम इन दुकानों का सील करने के लिए पहुंच सकती है। बता दें कि निगम ने मोदी सन्स, मोदी कलेक्शन, मुरारका स्टोर, सुंदर वस्त्रत्तलय, बंधन वस्त्रत्तलय, विजय ब्रदर्स, रंगील, नानी स्टील, द्वारिकाधीश वस्त्रत्तलय, मातृछाया, आरएन कांप्लेक्स, कामधेनु बिल्डिंग, अलका ज्वेलर्स, दयानंद दास-राधा कृष्णा और बाजोरिया ट्रेड सेंटर को नोटिस दिया था।
व्यापारी बोले- निगम का निर्णय अस्वीकार्य
व्यापारियों ने कहा कि निगम का यह निर्णय हमें किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है। चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि अब आरआरडीए क्षेत्र में बने भवनों से भी नक्शा मांगा जा रहा है, जबकि भवन निर्माण के समय आरआरडीए अस्तित्व में ही नहीं था। बैठक में महासचिव राहुल मारू, सह सचिव रोहित अग्रवाल, कोषाध्यक्ष मनीष सर्राफ, पूर्व अध्यक्ष केके पोद्दार, प्रवीण जैन छाबड़ा, पवन शर्मा, रतन मोदी के अलावा झारखंड थोक वस्त्रत्त् विक्रेता संघ, रेडीमेड होसियारी वस्त्रत्त् विक्रेता संघ, सोना-चांदी व्यवसायी समिति के अलावा अपर बाजार के सैकड़ों व्यापारी उपस्थित थे।
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