चैंबर का अल्टीमेटम: कृषि शुल्क विधेयक 7 दिनों में वापस हो नहीं तो राज्य के खाद्यान्न व्यापारी करेंगे पुरजोर विरोध

Update: 2023-02-11 11:03 GMT

राँची न्यूज़: झारखंड चैंबर के आह्वान पर को रांची समेत राज्य में सभी 24 जिलों के खाद्यान्न व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे. व्यापारी झारखंड में कृषि शुल्क लागू करने के निर्णय का विरोध कर रहे हैं. इसी मामले पर को संगम गार्डेन में राज्यस्तरीय बैठक हुई, जिसमें 700 से अधिक व्यापारी शामिल हुए. चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि यदि सरकार एक सप्ताह में इस विधेयक को समाप्त करने का निर्णय नहीं लेगी तो 15 फरवरी से राज्य के सभी खाद्यान्न दुकानें (खुदरा एवं थोक) बंद कर दी जाएंगी.

बैठक में राइस और फ्लोर मीलर्स एसो. के पदाधिकारियों ने भी इस निर्णय का समर्थन किया. साथ ही कहा गया कि 15 फरवरी से राइस मिल में प्रोडक्शन और सेल भी बंद कर दिया जाएगा.

निर्णय रामगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी का करेंगे विरोध

व्यापारियों ने कहा कि वार्ता की आड़ में पिछले दरवाजे से इस विधेयक को लाने का षड्यंत्र रचा गया है. इस षड्यंत्र के एवज में सत्ताधारी पार्टी को व्यापारियों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा. यह भी कहा कि झारखंड चैंबर के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में व्यापारी रामगढ़ जाकर, रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी का विरोध करेंगे. सिंहभूम चैंबर के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि व्यापारी यदि टैक्स देने से पीछे रहते तब सरकार के जीएसटी कलेक्शन में नियमित बढ़ोतरी नहीं होती. हम इस शुल्क की आड़ में होनेवाली अनियमितता का विरोध करते हैं.

आरोप व्यापारियों-किसानों के दोहन का बन रहा रैकेट:

रांची चैंबर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से कुछ भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा व्यापारियों और किसानों से दोहन का रैकेट तैयार करने की कोशिश की जा रही है. ई-नाम योजना का राज्य में फर्जीवाड़ा हो रहा है, जिसकी जानकारी पीएम, सीएम और केंद्रीय कृषि मंत्रालय को दी जानी चाहिए. चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि यह शुल्क लगाकर व्यापारियों के साथ छलावा किया गया है. इस विधेयक के प्रभावी होने से खाद्यान्न व्यापारियों के अलावा मत्स्य पालन, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, बागवानी करनेवाले सभी लोग दायरे में आएंग,े जिसका प्रभाव शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों पर पड़ेगा.

पंडरा बाजार समिति में खाद्यान्न की सभी दुकानें बंद रहीं. परिसर में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा. ठेले वाले परिसर में आराम करते रहे. उन्होंने बताया कि काम नहीं मिल पा रहा है. पहले से तय था कि आज दुकानें बंद रहेंगी इसलिए बहुत लोग आएं भी नहीं. से ही व्यापारी आंदोलन कर रहे हैं. कहीं-कहीं काला झंडा और काला बिल्ला लगाकर काम किया जा रहा है.

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