Chaibasa चाईबासा : राज्य की झामुमो गठबंधन सरकार ने अपने कार्यकाल में कई बार मध्याह्न भोजन और आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को रोज अंडा देने का वादा किया था. राज्य सरकार के कई बार घोषणा किये जाने के बाद भी अब तक अंडा देना शुरू नहीं किया गया है. राज्य सरकार का वादा तो पूरा नहीं हुआ, बल्कि उसका पांच साल का कार्यकाल जरूर पूरा होने जा रहा है. इस संबंध में खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच, पश्चिमी सिंहभूम का प्रतिनिधिमंडल खरसावां, मझगांव और चक्रधरपुर के विधायकों दशरथ गागराई, निरल पूर्ति और सुखराम उरांव से मुलाकात की. उन्होंने सभी विधायकों को उनकी सरकार द्वारा किया गया वादा याद दिलाया और मांग पत्र सौंप कर इसे तुरंत लागू करने की मांग की.
विधायकों ने आश्वासन दिया कि वे सरकार के समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे. मंच द्वारा सदर विधायक सह मंत्री दीपक बिरुवा से भी इस संबंध में मिला जायेगा. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले पांच सालों में कई बार घोषणा की है कि आंगनबाड़ी में 3-6 साल उम्र के बच्चों को 6 दिन प्रति सप्ताह अंडा मिलेगा और विद्यालयों में मध्याह्न भोजन में बच्चों को 5 दिन अंडा मिलेगा. लेकिन अब भी ये घोषणाएं महज वादे तक ही सीमित हैं. एक ओर पश्चिमी सिंहभूम से अरबों रुपए की खनन की जाती है और सैंकड़ों करोड़ रुपए का जिला खनिज फंड है. दूसरी ओर जिले में व्यापक कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार बच्चों को चंद करोड़ राशी खर्च करके हर दिन अंडा नहीं दे पा रही है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जन समर्थन से बनी राज्य सरकार बच्चों के पोषण के प्रति इतनी उदासीन है.
पश्चिमी सिंहभूम में बच्चों कुपोषण
पश्चिमी सिंहभूम जिले में बच्चों में व्यापक कुपोषण है. 2019-21 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिला के पांच वर्ष के कम उम्र के 62% बच्चे कुपोषित हैं, (उम्र के अनुसार वजन कम है) और 6-23 महीने उम्र के केवल 11% बच्चों को पर्याप्त आहार मिल पाता है. 6-59 महीने की उम्र के 75% बच्चे खून की कमी के शिकार हैं. ऐसी गंभीर परिस्थिति में बच्चों को अंडा से वंचित रखना अपराध से कम नहीं है. बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए अंडा एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ है. इसमें विटामिन सी के अलावा अन्य अधिकांश आवश्यक पोशक तत्व हैं. अंडे न केवल अत्यंत पौष्टिक है बल्कि स्वादिष्ट और किफायती भी है. प्रतिनिधिमंडल में अशोक मुंडरी, अजीत कांडेयांग, बोदराम सुंडी, चर्चिल सवैयाँ, डोबरो बारी, धनि हंसदा जयंती मेलगंडी, लक्ष्मण तामसोय, मांझी मुंडरी, राजेश प्रधान, संदीप प्रधान, सुरेश जोंको शामिल थे