स्थानीय ग्रामीण इसका कर रहे विरोध
स्थानीय ग्रामीण री-एडमिशन के नाम पर शुल्क लेने का विरोध कर रहे हैं. लेकिन इसका असर स्कूल पर नहीं हो रहा है. वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी निरजा कुजुर भी इस मामले को गंभीरता नहीं ले रही हैं. स्कूल में 1200 से अधिक विद्यार्थी अध्ययन करते हैं. लेकिन अभी तक जिला शिक्षा पदाधिकारियों का निरीक्षण समय-समय पर नहीं होता है. इसके कारण यहां के शिक्षक मनमानी करने लगे हैं. लगातार आंदोलन के बावजूद भी इसको गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, जो एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है.
एसएमसी गठन पर भी अनियमिता, बाहर के एक भी व्यक्ति को नहीं रखा
सरकार के नियमानुसार एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) का भी गठन विद्यालय में नहीं हुआ है. नियमानुसार स्कूल के प्रबंधक समिति में 25 प्रतिशत बाहर के शिक्षाविद को लेना है. लेकिन स्कूल प्रबंधक की ओर से पूरा का पूरा शत-प्रतिशत स्कूल शिक्षक को ही लेकर औपाचारिका कर समिति का गठन कर दिया गया है. एसएमसी गठन पर भी अनियमितता बरती गयी है. प्रत्येक माह प्रबंधन समिति की बैठक तक नहीं होती है. जबकि नियम के अनुसार प्रत्येक माह के 25 तारीख को बैठक करना होता है, जिसका पालन नहीं होता है.
उग्र आंदोलन होने की संभावना
रोलाडीह हाई स्कूल में मिडिल स्कूल को मर्ज करने की बात पिछले कई सालों से कही जा रही है. लेकिन अभी तक अधिकारिक रूप से अधिसूचना जारी नहीं हुआ है. हालांकि हाई स्कूल प्रभारी जोसेफ टोपनो ने दोनों स्कूलों के मर्ज होने की पुष्टि की है. इसके तहत वे अधिकार भी जमाये हुये हैं. अभिभावक प्रभारी के विरूद्ध में गोलबंद हो चुके हैं. शिक्षा मंत्री तक पत्राचार करने की रणनीति तैयार की जा रही है. समय रहते यदि जिला प्रशासन मामले में हस्ताक्षेप नहीं करता है तो उग्र आंदोलन होने की संभावना दी जा रही है.
मैन पावर नहीं होने के कारण नहीं दी जा रही रसीद : प्रभारी
वहीं, इस संबंध में विद्यालय के प्रभारी प्रिंसिपल जोसेफ टोपनो का कहना है कि विद्यार्थियों से री-एडमिशन का शुल्क लिया जाता है. लेकिन मैन पावर नहीं होने के कारण रसीद नहीं दिया जा रहा है. हालांकि रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है. प्रत्येक विद्यार्थी से हर साल 430 रुपये कर लिया जाता है.
रजिस्टर में प्राप्त शुल्क के सामने विद्यार्थी का हस्ताक्षर भी नहीं : अध्यक्ष
स्कूल प्रबंधक समिति के अध्यक्ष कुजरी बांकिरा ने कहा कि री-एडमिशन लेने का यदि नियम होता है तो उसका रसीद भी मिलता है. रसीद नहीं दिया जा रहा है. इससे अनियमितता हो सकती है. विद्यार्थी का नाम रजिस्टर में लिखकर पैसा लिया जा रहा है. जबकि रजिस्टर में प्राप्त शुल्क के सामने विद्यार्थी का हस्ताक्षर भी नहीं है. अभिभावक इसका विरोध कर रहे हैं. पिछले कई वर्षों से पैसा लिया जा रहा है.