झारखंड में कई ऐसी जगहों पर बनाए पुल जहां कोई सड़क ही नहीं

Update: 2023-06-17 06:43 GMT

रांची न्यूज: झारखंड हाईकोर्ट ने बोकारो जिले के प्रखंडों में कई जगहों पर कनेक्टिंग रोड के बगैर पुल बना दिए जाने के मामले की स्थल जांच के लिए तीन अधिवक्ताओं की कमेटी गठित की है। कमेटी देखेगी कि जो पुल बनाए गए हैं, वे किसी रोड से जुड़े हैं या नहीं। इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट आगामी 25 अगस्त तक कोर्ट को सौंपेगी। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्णय लिया। दूसरी तरफ राज्य सरकार की ओर से इस मामले में शपथ पत्र दायर कर बताया गया है कि कुछ ही पुल ऐसे हैं, जिसमें कनेक्टिंग रोड नहीं हैं।

जनहित याचिका रवि कुमार शर्मा ने दाखिल की है। इस पर सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट को बताया कि बोकारो के चंदनकियारी सहित जिले के कई प्रखंडों में खेतों में पुल बना दिए गए हैं। कई ऐसे पुल हैं, जहां कोई सड़क ही नहीं है। इन पुलों से जोड़ने के लिए किसी सड़क निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण तक नहीं किया गया है। यह सरकारी पैसे की बर्बादी है।

जनहित याचिका में दावा किया गया है कि अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी राशि के दुरुपयोग के लिए ऐसी योजनाओं को मंजूरी दी गई। ऐसे पुलों पर लगभग 100 करोड़ रुपये के खर्च की बात कही गई है। प्रार्थी ने इसकी जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान निर्णय

चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्णय लिया। दूसरी तरफ राज्य सरकार की ओर से इस मामले में शपथ पत्र दायर कर बताया गया है कि कुछ ही पुल ऐसे हैं, जिसमें कनेक्टिंग रोड नहीं हैं।

कई प्रखंडों में खेतों में बना दिए पुल

जनहित याचिका रवि कुमार शर्मा ने दाखिल की है। इस पर सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट को बताया कि बोकारो के चंदनकियारी सहित जिले के कई प्रखंडों में खेतों में पुल बना दिए गए हैं। कई ऐसे पुल हैं, जहां कोई सड़क ही नहीं है। इन पुलों से जोड़ने के लिए किसी सड़क निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण तक नहीं किया गया है। यह सरकारी पैसे की बर्बादी है।

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