आरोप में भाजपा नेता मैनेजर राय गिरफ्तार

Update: 2022-07-20 16:44 GMT

बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के दामाद राकेश ओझा को ब्लैकमेल करने और रंगदारी मांगने के मामले में मंगलवार की अलसुबह गोविंदपुर थाना की पुलिस ने आरोपी कोयला कारोबारी और भाजपा नेता परमेश्वरनाथ राय उर्फ मैनेजर राय को दबोचा।

दो दिन पहले पुलिस ने इसी मामले में एक निजी चैनल के अरूप चटर्जी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। देर शाम गोविंदपुर पुलिस ने मैनेजर राय को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

राकेश ओझा ने 27 जून को गोविंदपुर थाना में अरूप चटर्जी और मैनेजर राय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि अरूप ने अपने सहयोगी रिपोर्टर के माध्यम से छह लाख रुपए लिए। पांच लाख रुपए और मांगे। अरूप को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस मैनेजर राय को भी ढूंढ़ रही थी। मैनेजर राय का भह्वा राकेश ओझा के ठीक बगल में है। राकेश ने आरोप लगाया था कि मैनेजर राय ने अपने भट्ठा में सीसीटीवी कैमरा लगा कर उनके भह्वे की गतिविधियों को वीडियो में कैद किया।

यह निजता का हनन है। इसी वीडियो को मैनेजर ने अरूप चटर्जी को दिया। पुलिस ने मैनेजर राय के खिलाफ कोर्ट से वारंट लिया था। वारंट के आधार पर छापेमारी कर पुलिस ने बंगाल-बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र बरकार से मैनेजर राय को पकड़ा।

रंगदारी मामले में अरूप को बेल, चिटफंड में रिमांड

धनबाद। चैनल के अरूप चटर्जी को रंगदारी मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। वहीं मंगलवार को पुटकी थाना के एक कांड में रिमांड किया गया। वर्ष 2018 में अरूप व अन्य के खिलाफ केयर विजन नामक कंपनी के माध्यम से लुभावने ऑफर देकर रुपयों का निवेश कराने और रुपयों का गबन करने का आरोप था।

इस मामले में मनोज पंडित ने सीपी केस दर्ज कराया था। बाद में कोर्ट के आदेश पर थाना में मामला दर्ज किया गया था। कानूनविदों की मानें तो जेल से निकलने से पहले आरोपी को इस मामले में जमानत लेनी पड़ेगी। राज्य के अन्य जिलों में भी अरूप चटर्जी पर दर्ज मामलों की खोज-खबर ली जा रही है। इधर, धनबाद सीबीआई ने जेल जाने से पूर्व अरूप को चिटफंड से जुड़े मामले में समन देकर पूछताछ के लिए बुलाया है। राकेश ओझा को ब्लैकमेल करने और रंगदारी मांगने के मामले में मंगलवार को आरोपी अरूप चटर्जी की जमानत अर्जी को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी के कोर्ट ने खारिज कर दी। अरूप की ओर से अधिवक्ता शाहनवाज अब्दुल मल्लिक ने बहस की और कहा कि आरोपी के खिलाफ कोई आरोप नहीं बनता है।

दूसरी ओर अभियोजक उमेश दीक्षित ने जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी। इधर, अरूप चटर्जी की पत्नी बेबी चटर्जी की रिट पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने अरूप को अंतरिम राहत देते हुए 50 हजार रुपए के निली मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया।

मैनेजर राय के खिलाफ कोयला चोरी सहित 21 मामले

पुलिस के अनुसार मैनेजर राय के खिलाफ धनबाद में 21 मामले दर्ज हैं। इनमें से 19 मामलों में पुलिस चार्जशीट सौंप चुकी है। वर्ष 1993 से अब तक सिर्फ कोयला चोरी के आरोप में मैनेजर पर 13 मामले दर्ज हो चुके हैं। इसके अलावा आर्म्स एक्ट, बमबाजी, धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस मैनेजर राय की आपराधिक कुंडली खंगाल रही है।

हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

झारखंड हाईकोर्ट ने अरूप को अंतरिम जमानत देते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी। सुनवाई के दौरान वादी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, नवीन कुमार और अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि शनिवार की रात धनबाद पुलिस अरूप चटर्जी को गिरफ्तार करने कांके स्थित उनके आवास पर पहुंची थी। पुलिस ने बेडरूम में घुसकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान उन्हें न तो स्वजनों और न ही उनके वकील से मिलने दिया। इसके बाद रातोंरात पुलिस उन्हें धनबाद लेकर चली गई। उनकी सोसाइटी में ऐसा करना उनके लिए काफी अपमानजनक था। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने में प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है। सूचक राकेश कुमार के खिलाफ 16 जून को अवैध कोयला व्यापार करने के आरोप में डीएमओ ने प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया था।

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