कोरोना से जंगः झारखंड में बूस्टर डोज लेने में बुजुर्गों से हारे स्वास्थ्य कर्मी
झारखंड में कोरोना के घटते संक्रमण के साथ ही टीकाकरण की रफ्तार भी सुस्त होती जा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड में कोरोना के घटते संक्रमण के साथ ही टीकाकरण की रफ्तार भी सुस्त होती जा रही है। कोरोना टीकाकरण की सुस्त रफ्तार का असर बूस्टर डोज (प्रिकॉशन डोज) पर भी दिख रहा है। स्थिति यह है कि महज एक माह में प्रतिदिन बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या लगभग एक तिहाई रह गई है।
आलम यह है कि राज्य में बुस्टर डोज टीकाकरण शुरू हुए 33 दिन हो चुके हैं। 10 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मी, फ्रटलाईन वर्कर और 60 वर्ष से अधिक उम्र के बीमार बुजुर्गों के लिए बूस्टर डोज की शुरुआत की गई है। लेकिन शुक्रवार तक राज्य में महज 189026 लोगों को ही बूस्टर डोज लगायी गई है। यही नहीं, बूस्टर डोज लेने में बीमार बुजुर्गों से भी पीछे स्वास्थ्य कर्मी हैं। अभी तक राज्य में बूस्टर डोज लेने वाले फ्रंटलाइन वर्करों की संख्या जहां 74153 है, वहीं 60876 बुजुर्गों (कोमॉर्बिड) ने बूस्टर डोज ली है, जबकि बूस्टर डोज लेने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या महज 53997 है।
पांच सप्ताह में 63 प्रतिशत कम हो गयी रफ्तार: राज्य में बूस्टर डोज टीकाकरण की स्थिति यह है कि बीते पांच सप्ताह में इसकी संख्या 63 प्रतिशत कम हो गयी है। बीते 05-11 फरवरी के बीच राज्य में प्रतिदिन औसतन 3264 लोगों को बूस्टर डोज लगायी गयी है। जबकि, शुरुआत के पांच दिनों (10-14 जनवरी) में प्रतिदिन ऑसतन 8743 लोगों को बूस्टर डोज लगायी गयी है। यानी पहले सप्ताह की तुलना में बीते सप्ताह प्रतिदिन औसत टीकाकरण की रफ्तार महज 37 प्रतिशत ही रह गयी है।
अवधि प्रतिदिन औसत
10-14 जन 8743 डोज
15-21 जन 7114 डोज
22-28 जन 5260 डोज
29-04 फर 4810 डोज
05-11 फर 3264 डोज
स्थिति चिंताजनक
बूस्टर डोज के मामले में राज्य में छह जिलों की स्थिति काफी चिंताजनक है। इन जिलों में सिमडेगा, साहेबगंज, गढ़वा, जामताड़ा, कोडरमा व सरायकेला खरसावां शामिल हैं। राज्य में अभी तक कुल लक्षित समूह में 15.39 प्रतिशत लोगों को बूस्टर डोज लगायी गई है, जबकि इन जिलों की उपलब्धि महज 5 से 9 प्रतिशत की बीच है। इन जिलों में तो प्रतिदिन 100 लोगों को भी बूस्टर डोज नहीं लग पा रही है। सिमडेगा में सबसे कम अभी तक महज 1188 लोगों को ही बूस्टर डोज लगायी जा सकी है। संख्या के मामले में अभी तक में सबसे ज्यादा रांची में 28593, पूर्वी सिंहभूम में 23911, बोकारो में 17987 और पश्चिमी सिंहभूम में 12562 लोगों को बूस्टर डोज लगायी जा चुकी है। वहीं, उपलब्धि के मामले में खूंटी नंबर वन है।
खूंटी में अभी तक 30, पूर्वी सिंहभूम में 26, पश्चिमी सिंहभूम में 23, बोकारो में 22 और रांची में 19 प्रतिशत योग्य लोगों को बूस्टर डोज लगायी जा चुकी है।