राजभवन और हेमंत सरकार के बीच रांची हिंसा में शामिल उपद्रवियों के पोस्टर जारी करने पर तकरार! जानें पूरा मामला

रांची हिंसा में शामिल उपद्रवियों के पोस्टर जारी करने पर राजभवन और सरकार के बीच तकरार देखने को मिल रहा है.

Update: 2022-06-16 04:28 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रांची हिंसा में शामिल उपद्रवियों के पोस्टर जारी करने पर राजभवन और सरकार के बीच तकरार देखने को मिल रहा है. दरअसल झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस के निर्देश पर झारखंड के डीजीपी ने रांची हिंसा में शामिल उपद्रवियों का पोस्टर रिलीज किया था, जिसके को लेकर अब सियासत शुरू हो गयी है. झारखंड सरकार में शामिल मुख्य राजनीतिक पार्टी जेएमएम ने ही इस पोस्टर पर सवाल उठाना शुरू कर दिया. जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पोस्टर लगाने से पहले यह आकलन करना चाहिए कि समाज पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने का कि जख्म को जितना हरा किया जाएगा उतना अधिक फैलेगा.

उन्होंने कहा कि पुलिस को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करनी है तो उन्हें चिन्हित करें और जेल भेजे किसी को भी सार्वजनिक तौर पर बदनाम करना सही नहीं है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तत्काल इस पर आपत्ति दर्ज की और पोस्टर को हटा लिया गया. पोस्टर हटाए जाने को लेकर झामुमों नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आरोपियों का पोस्टर लगाने से उत्तर प्रदेश और झारखंड का फर्क मिट जाएगा.
JMM की आपत्ति के बाद हटा लिए गए पोस्टर
बता दें, रांची पुलिस की ओर से सभी उपद्रवियों की फोटो सार्वजनिक करते हुए राजधानी के विभिन्न चौक चौराहों पर पोस्टर लगा दिया गया. पर उसके कुछ देर बाद की पोस्टर हटा दिए गए. क्योंकि पोस्टर को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आपत्ति दर्ज की थी. वहीं पुलिस ने कहा कि पोस्टर में कुछ त्रुटियां हैं इसलिए इसपर संसोधन किया जाएगा. पोस्टर में सभी आरोपियों की तस्वीर और नाम छपे थे, साथ ही आरोपियों की सूचना देने के लिए रांची पुलिस के अधिकारियों का नंबर भी लिखा गया था.
राज्यपाल ने दिया था उपद्रवियों के नाम जारी करने का निर्देश
दरअसल रांची हिंसा मामले को लेकर राज्यपाल रमेश बैस से 13 जून को राज्य के डीजीपी नीरज सिन्हा सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को राजभवन तलब किया था और हिंसा में शामिल उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. रांची में हुए उपद्रव के बाद राज्यपाल रमेश बैस ने सख्त कदम उठाते हुए डीजीपी को उपद्रवियों के पोस्टर जारी करने के निदेश दिए थे. उन्होंने बकायदा इसमें उपद्रवियों के नाम और पते भी लिखने के आदेश दिए थे. पुलिस के आला अधिकारियों को तलब करते हुए सोमवार को ही इस हिंसा की पूरी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजने की बात कही थी.

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