पर्यावरण संरक्षण के साथ ही अब गांवों का विकास करेगा वन विभाग, ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार

वन विभाग पर्यावरण संरक्षण के साथ गांवों का विकास भी करेगा।

Update: 2022-08-25 01:18 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वन विभाग पर्यावरण संरक्षण के साथ गांवों का विकास भी करेगा। वन विभाग अब जिन ग्रामीण क्षेत्रों में पौधे लगाएगा, वहां विकास योजनाएं भी धरातल पर उतारेगा। दरअसल, ग्रामीणों को वन सुरक्षा से जोड़ने के लिए गांव की समस्याओं को दूर करने का निर्णय लिया गया है। ग्रामीणों की जरूरत के अनुसार वन विभाग उन क्षेत्रों में सड़क, पानी और सामुदायिक भवन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।

धनबाद वन प्रमंडल के डीएफओ विमल लकड़ा ने बताया कि वन रोपण के कुल बजट की 10-20 प्रतिशत राशि गांव के विकास में खर्च की जाएगी। वन विभाग हर साल औसतन 30-40 लाख रुपए विकास योजनाओं में खर्च करेगा। जिन गांव में पौधरोपण किया जाएगा, उसके समीप के गांव में ही यह राशि खर्च की जाएगी। साथ ही विकास योजनाओं में लगने वाले श्रम बल के रूप में स्थानीय ग्रामीणों को ही जोड़ने का निर्देश मिला है। इससे उन्हें अपने गांव में ही रोजगार मिल जाएगा। गांव वालों पर ही वन की देखभाल की जिम्मेदारी रहेगी। ऐसी योजनाएं शुरू करने के पीछे ग्रामीणों के बीच जंगल को तस्करों से बचाने के लिए जागरूक करना है।
पानी और छठ घाट की मांग करते हैं ग्रामीण
डीएफओ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक मांग सोलर मोटर वाटर सिस्टम लगाने की होती है। इससे गांव में पानी की समस्या दूर होती है। साथ ही सामुदायिक भवन और छठ घाट की भी मांग की जाती है। उन्होंने बताया कि टुंडी के जाताखूंटी में विभाग ने ग्रामीणों की मांग पर कम्युनिटी हॉल का निर्माण कराया। मछियारा गांव में छठ घाट का निर्माण किया गया। जो भी मांग आती है, उसके अनुसार विभाग वहां राशि खर्च करता है।

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