नक्सली अरविंद जी की मौत के बाद उनके घोड़ों को पाल रहा झारखंड जगुआर के कैंप
झारखंड के सबसे दुर्दांत नक्सलियों में से एक अरविंज जी के घोड़ों का पालनहार झारखंड जगुआर (STF) बन चुका है
झारखंड के सबसे दुर्दांत नक्सलियों में से एक अरविंज जी के घोड़ों का पालनहार झारखंड जगुआर (STF) बन चुका है. पुलिस के दबाव के कारण अरविंद जी के घोड़ों का लालन पालन झारखंड जगुआर के द्वारा किया जा रहा है. घोड़ों के खान-पान का विशेष ख्याल रखा जा रहा है. घोड़ों को विशेष रूप से ट्रेंड करने का भी काम STF के जवान कर रहे हैं.
पोलित ब्यूरो सदस्य और 1 करोड़ के इनामी नक्सली देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद जी की मौत वर्ष 2018 में हो गई. जिसके बाद अरविंद जी के साथ रहने वाले घोड़े बेसहार हो गए थे. यहां तक की मरने की स्थिति में पहुंच गए थे. ये घोड़े यूं ही जंगलों में पड़े हुए थे. इनकी संख्या करीब दर्जन भर है. इनमें से 3 को झारखंड जगुआर के कैंप में लाया गया है. जहां इनका लालन पालन किया जा रहा है.
बता दें कि अरविंद जी बूढ़ा पहाड़ इलाके में डेरा डाले हुए थे और पहाड़ पर चलने में ये घोड़े (खच्चर) काफी अहम थे. ये न सिर्फ सामानों को ढोने का काम करते थे, बल्कि अरविंद जी भी इनपर सवारी किया करते थे.
आईजी अभियान अमोल विनुकांत होमकर ने बताया कि पहाड़ों में इन घोड़ों की भूमिका काफी अहम होती है. नक्सली इसका इस्तेमाल करते हैं. अरविंद जी के साथ भी ये घोड़े मौजूद थे, क्योंकि बूढ़ा पहाड़ का इलाके में बाइक नहीं जा सकती. इसलिए इन घोड़ों का इस्तेमाल किया जाता था.
आईजी के बताया कि झारखंड जगुआर के द्वारा अरविंद जी के घोड़ों की अच्छी तरह से देखभाल की जा रही है. इसी का नतीजा है कि ये अब पहले से काफी मजबूत हो गये हैं.
बता दें की अरविंद जी के खिलाफ 9 राज्यों में 150 से ज्यादा मामले दर्ज थे और उन्हें नक्सलियों के थिंक टैंक के रूप में जाना जाता था. अरविंद जी की सुरक्षा में हमेशा 5 अंगरक्षक तैनात रहते थे. उनके साथ उनके सामान को ढोने के लिए घोड़े होते थे.
अरविंद जी के घोड़ों का पालन पोषण करने वाले जगुआर के जवान बताते हैं कि घोड़ों को चना खिलाया जाता है. जब ये घोड़े यहां आए थे तो काफी डरे सहमे थे, लेकिन अब धीरे-धीरे ये घुलमिल रहे हैं.