आवास बोर्ड के अफसरों की अर्जित संपत्ति की जांच की जाए, 6 सप्ताह में दें रिपोर्ट, झारखंड हाईकोर्ट का आदेश
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के आवास बोर्ड के सचिव जॉर्ज कुमार और संपदा पदाधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के आवास बोर्ड के सचिव जॉर्ज कुमार और संपदा पदाधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है। कोर्ट ने कैबिनेट निगरानी को जॉर्ज कुमार, उनके परिजनों, रिश्तेदारों और दोस्तों की संपत्ति की जांच का भी आदेश दिया है। इतना ही नहीं अदालत ने आवास बोर्ड के उन सभी कार्यपालक अभियंता और उनके परिजन और उनके मित्रों की संपत्ति की जांच का निर्देश दिया है जो 15 नवंबर 2000 से 2008 तक पदस्थापित रहे। कोर्ट ने कहा है कि यदि संभव हो तो सभी के नौकरी में योगदान देने की तिथि से अर्जित संपत्ति की भी जांच की जाए। कैबिनेट निगरानी को 6 सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया है।
अदालत ने राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को भी शपथ पत्र दाखिल कर यह बताने को कहा है कि उन्होंने अपने जिले में आवास बोर्ड की संपत्ति से अब तक कितना अतिक्रमण हटाया है । अदालत ने आदेश की कॉपी मुख्य सचिव, वित्त सचिव, नगर विकास सचिव, निगरानी विभाग आवास बोर्ड के प्रबंफ़ध निदेशक को भेजे जाने का निर्देश दिया है।
इस संबंध में डॉ शशि लाल ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि बोर्ड की ओर से आवंटित उनकी जमीन पर अतिक्रमण किया गया है लेकिन बोर्ड के अधिकारी उसे हटा नहीं रहे हैं। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बोर्ड को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। वर्ष 2008 से यह मामला अदालत में चल रहा है और अधिकारी इसके स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे हैं।
25 अक्टूबर 2010 को हाईकोर्ट ने बोर्ड को जमीन पर अतिक्रमण की रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।