10 माह से पूर्व साइकिल लेकर देश-विदेशों में नशा मुक्ति का संदेश लेकर निकला युवक बोकारो पहुंचा
छत्तीसगढ़ को नशा निगल रहा है. 45 से 50 वर्ष की उम्र में नशा के कारण की ने दम तोड़ दिया.
बोकारो : छत्तीसगढ़ को नशा निगल रहा है. 45 से 50 वर्ष की उम्र में नशा के कारण की ने दम तोड़ दिया. इस घटना से व्यथित होकर 9 मई 2023 को 27 वर्षीय 27 वर्षीय हेम कुमार, पिता अमृत लाल साइकिल लेकर देश-विदेशों में नशा मुक्ति का संदेश लेकर घर निकल पड़ा था. शुक्रवार को हेम कुमार पश्चिम बंगाल के रास्ते बोकारो पहुंचा. कहा कि, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को नशा मुक्ति को सिलेबस में शामिल करने को लेकर ज्ञापन सौंपकर अपनी यात्रा को समाप्त करेगा. हेम कुमार छत्तीसगढ़ राज्य के शक्ति जिला अंतर्गत माल खरोदा प्रखंड के डभरा थाना क्षेत्र स्थित देव गांव सह पंचायत का निवासी है. पिता किसान है.
नौकरी छोड़ नशा मुक्ति के लिए हुआ था रवाना
हेम कुमार ने कॉमर्स में एमए है. महेंद्रा फाइनेंस की नौकरी करता था, जिसे इस अभियान के लिए छोड़ दिया. अपनी जमा पूंजी के दम पर नशा मुक्ति अभियान के लिए घर छोड़ दिया. जहां भी जाता हूं, स्कूल व कॉलेज के छात्र-छात्राओं से मिलकर नशा से दूरी बनाने की अपील करता हूं. अभिगमन की शुरुआत छत्तीसगढ़ से दक्षिण भारत से पश्चिम भारत, उत्तर भारत घुमाते हुए नेपाल पहुंचा. जहां से बिहार, दार्जिलिंग होकर पुर्वांचल राज्य पहुंच कर अपना संदेश लोगों तक पहुंचाया. इसके बाद बांग्लादेश के कुछ राज्यों से होकर पश्चिमी बंगाल फिलहाल झारखंड में हूं. आज की रात फुसरो में अपने एक रिश्तेदार के यहां रुकना है. जहां से रांची होकर छत्तीसगढ़ पहुंचना है. वहां मुख्यमंत्री से ज्ञापन सौंप कर इस अभियान को समाप्त करुंगा.
बंगलादेश में सिर्फ बीड़ी ही नशा का सबसे बड़ा साधन
अपने रहने के लिए कैंपिंग कैंट से लेकर पावर बैंक तक लेकर साइकिल से निकला ये नवजात, इस मुहिम में अभी तक 70-80 हजार रुपए खर्च कर चुका है. हेम कुमार ने बताया कि बंगलादेश में मुझे शराब की दुकानें नहीं मिली. हो सकता हैं चुपके-चोरी से कुछ जगह शराब का व्यापार चलता हो, जिसकी मुझे जानकारी नहीं हो सकी. वहीं नेपाल को महंगा बताया. कहा कि, 300 रुपए खर्च करने के बाद भी पेट नहीं भर पाता था.
यहां से लौट कर हसदेव जंगल बचाने के लिए संघर्षरत लोगों के साथ जुड़ेंगे- हेम कुमार ने बताया कि उनका एक मित्र योगेश छत्तीसगढ़ स्थित हसदेव जंगल को बचाने के लिए साइकिल से छत्तीसगढ़ का भ्रमण किया. कहा कि यहां से लौटकर छत्तीसगढ़ में हसदेव जंगल बचाने के लिए जारी आंदोलन का हिस्सा बनेगा.