जमशेदपुर: चारा घोटाले के कांड संख्या (आरसी 48ए/96) डोरंडा कोषागार मामले में आज सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुना दिया है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव ने सजा सुनाया है। इस मामले में 124 लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिनका फैसला आज सुनाया गया।
अवैध निकासी मामले में कुल 124 आरोपियों में से 52 को तीन साल तक की सजा हुई है। 37 अन्य को तीन साल से अधिक की सजा सुनाई गई। वहीं 35 लोगों को रिहा कर दिया गया। तीन साल से अधिक सजा पाने वाले सभी 37 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अब इनकी सजा पर एक सितंबर को सुनवाई होगी।
बरी हुए प्रमुख लोग
एनुल हक, राजेंद्र पांडेय, राम सेवक साहू, दीनानाथ सहाय, साकेत, हरीश खन्ना, कैलाश मनी कश्यप बरी, बलदेव साहू, सिद्धार्थ कुमार, निर्मला प्रसाद, अनीता कुमारी, एकराम, मो हुसैन, सनाउल हक, सैरु निशा, चंचला सिन्हा, ज्योति कक्कड़, सरस्वती देवी, रामावतार सिन्हा, रीमा बड़ाईक और मधु पाठक का नाम शामिल है।
क्या है केस आरसी- 48 ए/96
संयुक्त बिहार के दौरान बहुचर्चित चारा घोटाला हुआ था। तब संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव हुआ करते थे। इस दौरान डोरंडा कोषागार से 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध तरीके से निकासी हुई थी। यह निकासी वर्ष 1990 से 1995 के दौरान हुआ था। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत न्यायधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत में बहस पूरी हो चुकी है।