5 करोड़ का शॉपिंग मॉल, बांधे जा रहे मवेशी, थापा जा रहा गोबर

जिला के चंदनकियारी में जिला परिषद ने पांच करोड़ रुपये की लागत से मॉल बनवाया. मॉल में ना दुकान लगे ना हॉल का इस्तेमाल हुआ.

Update: 2022-10-16 02:22 GMT

न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जिला के चंदनकियारी में जिला परिषद ने पांच करोड़ रुपये की लागत से मॉल बनवाया. मॉल में ना दुकान लगे ना हॉल का इस्तेमाल हुआ. वहां जानवरों का तबेला बन गया है. मॉल के ग्राउंड फ्लोर के दुकानों में जानवर बंधे रहते हैं और मॉल की सीढ़ी पर गोबर का गोइठा रखकर सुखाया जाता है. दीवारें गोबर थापने के काम आ रही हैं. सवाल यह उठता है कि पांच करोड़ रुपये खर्च करके चंदनकियारी जैसी जगह पर मॉल बनाने का फायदा किसको मिला. ठेकेदार की कमाई हुई होगी. चंदनकियारी जैसी जगह पर शॉपिंग मॉल बनाने की कल्पना करने वाले अफसरों व मंत्री को क्या मिला होगा? समझना मुश्किल नहीं है.

2020 में हुआ हैंड ओवर
मॉल पांच वर्ष पहले ही बन गया था. विभाग ने ठेकेदार से वर्ष 2020 में हैंड ओवर लिया. इसके बाद ना तो दुकानें लगीं और ना ही कोई दुकानदार इसमें दुकान खोलने के लिए जिला परिषद के पास आवेदन लेकर पहुंचा. मॉल बनाने का बिल ठेकेदार को मिल गया. अधिकारियों को अब मॉल देखने की फुर्सत नहीं.
मॉल के ग्राउंड फ्लोर के दुकानों में बंधी गाय
फैक्ट फाइल
एरिया – 12 हजार स्क्वायर फीट
प्रकलित राशि – 5.9 करोड़
काम शुरू हुआ – 2015
निर्माण पूरा हुआ – 2019-20
विभाग ने हैंड ओवर लिया – जुलाई 2020
कुल कमरे – 54
कुल हॉल – 04
करानी होगी मरम्मती
आज की तारीख में मॉल को अब मरम्मती की जरूरत पड़ेगी. क्योंकि रखरखाव के अभाव में मॉल पूरी तरह से टूटने लगा है. इस बीच उनके शीशे भी हवा के झोंके बर्दाश्त नहीं कर पाए और टूट गए. विभाग ने दुबारा लगवाए. रख-रखाव के आभाव में उसके भी टूटने के आसार हैं.
भाड़े पर नहीं लगी दुकानें
दुकानदारों का कहना है कि जिला परिषद ने दुकान का किराया अधिक रखा. सिक्योरिटी मनी भी अधिक रखा गया. विभाग के मुताबिक, सिक्योरिटी मनी पहले फ्लोर के लिए पांच लाख, दूसरे फ्लोर के लिए 3.50 लाख, तीसरे फ्लोर के लिए 2.50 लाख, चौथे फ्लोर का 1.50 लाख रूपये निर्धारित किया गया. चंदनकियारी जैसी जगह के लिये यह बहुत अधिक था.
बाद में घटायी गयी सिक्योरिटी मनी
जब पूर्व के निर्धारित सिक्योरिटी पर मॉल के दुकान व हॉल भाड़े पर नहीं लगे, तब जिला परिषद ने सिक्योरिटी मनी को कम किया. प्रथम फ्लोर के लिए एक लाख, सेकेंड फ्लोर के लिए 75 हजार, थर्ड फ्लोर के लिए 50 हजार और चौथे फ्लोर के लिए 30 हजार निर्धारित किया गया. ताकि लोग दुकान व हॉल को किराये पर ले लें. लेकिन इसके बाद भी किसी व्यवसायी ने दिलचस्पी नहीं दिखायी.
ठेकेदार को लाभ मिला
उस इलाके के रहने वाले महाराज महतो ने बताया कि उद्देश्य तो अच्छा ही था. लेकिन सिर्फ ठेकेदार को लाभ पहुंचाने का. करोड़ों रुपए भी बर्बाद हो गए. इसके लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारी जिम्मेदार हैं. क्योंकि जिला परिषद की बैठकों में विधायक से लेकर प्रखंड के प्रमुख तक बैठते हैं.
इन्होंने बनायी गैर जरुरी योजना, यही जिम्मेदार
जिला परिषद अध्यक्ष – सुषमा कुमारी
जिला परिषद उपाध्यक्ष – हीरालाल मांझी
विधायक – अमर कुमार बाउरी (तब मंत्री थे)
डीडीसी – रवि शंकर मिश्रा
जिला परिसर के अभियंता
वक्त से पहले बनाः बाउरी
चंदनकियारी के भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी
चंदनकियारी के भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि मॉल का निर्माण तो ठीक ही हुआ था, लेकिन चंदनकियारी के मुताबिक समय से पहले इसकी प्लानिंग कर दी गई. इसमें यह नहीं देखा गया कि यहां इसकी जरूरत है या नहीं.
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