जल संरक्षण के लिए 467.32 करोड़ की योजनाएं राज्य में शुरू

Update: 2023-01-24 11:15 GMT

राँची न्यूज़: कृषि मंत्री बादल ने नगड़ी स्थित राज्यस्तरीय जल छाजन केंद्र में जल संरक्षण से जुड़ी 467.32 करोड़ (467,32,88,380) रुपए की योजनाओं का शुभारंभ किया. इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज 24 जिलों के सभी प्रखंडों में 2133 तालाबों का जीर्णोद्धार और 2795 परकोलेशन के निर्माण का शुभारंभ हुआ है.

इसके साथ ही पूरे राज्य में जल संरक्षण की मजबूत बुनियाद रखने का प्रयास सरकार कर रही है. सुखाड़ से राहत का प्रयास हो रहा है. गांवों में बेहतर बिजली से तालाब से सुचारू रूप से सिंचाई हो सकती है. इसी कड़ी में सरकार ने स्मार्ट विलेज का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा कि पंचायत के सदस्यों की संख्या बढ़ाकर एक सोसाइटी बनाई जा सकती है और उस समिति को ही तालाब में मछली पालन का जिम्मा देने पर विचार हो रहा है. अब तक सुखाड़ प्रभावित किसानों के करीब 31 लाख 33 हजार आवेदन आए हैं. इनमें 8.5 लाख लोगों का भुगतान किया जा चुका है. हमारा प्रयास है कि राज्य के 30 लाख किसानों को 12 सौ करोड़ रुपए की राशि दें और आने वाले 2 सालों में सभी तालाब का निर्माण या जीर्णोद्धार कर सकें. इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य पूनम देवी, निदेशक भूमि संरक्षण, अजय कुमार सिंह, बीएयू के कुलपति ओंकार नाथ सिंह, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे.

इंटिग्रेटेड फार्मिंग की जरूरत मंत्री ने कहा कि आज इंटीग्रेटेड फार्मिंग की जरूरत है. इसके लिए सरकार से किसानों को जो भी सहयोग चाहिए, वह हम देने को तैयार हैं. सरकार ने बीते 3 साल में 1885 करोड़ रुपए किसानों के खाते में डाले हैं. सरकार का उद्देश्य झारखंड की जीडीपी में 20 किसानों का योगदान सुनिश्चित करना है.

हमारा प्रयास है कि पंजाब हरियाणा की तर्ज पर झारखंड का किसान समृद्धशाली हो. साथ ही राज्य को एश्योर इरीगेशन की ओर बढ़ाना है.

सुखाड़ से निबटने को सुनिश्चित सिंचाई जरूरी

कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि सुखाड़ से अगर निपटना है तो हमें सुनिश्चित सिंचाई की ओर कदम बढ़ाना होगा. सरकार प्राथमिकता के साथ चेकडैम, नहर सहित कई योजनाओं पर काम कर रही है. कई केंद्रीय योजनाएं, जिसमें आरकेवीवाई/पीडीएमसी योजना के टॉपअप सब्सिडी की व्यवस्था करते हुए 90 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को लाभ दिया जा रहा है. सिंचाई के स्तर को बढ़ाने के लिए जनभागीदारी महत्वपूर्ण है.

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