चाईबासा : आज मनाया जाएगा कोल्हान विश्वविद्यालय का 13वां स्थापना दिवस, सीनेट हॉल में होंगे कई कार्यक्रम
कोल्हान विश्वविद्यालय 13 अगस्त को 13वां स्थापना दिवस मना रहा है. इसके लिए विश्वविद्यालय ने पूरी तैयारी कर ली है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोल्हान विश्वविद्यालय 13 अगस्त को 13वां स्थापना दिवस मना रहा है. इसके लिए विश्वविद्यालय ने पूरी तैयारी कर ली है. विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में शनिवार को स्थापना दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. झारखंड राज्य के चाईबासा कोल्हान क्षेत्र में वर्ष 2009 के 13 अगस्त में स्थापित कोल्हान विश्वविद्यालय कई संघर्षों के बाद ही स्थापित हो पाया है. पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के कार्यकाल में कोल्हान विश्वविद्यालय का मुख्यालय चाईबासा बन पाया. इसको लेकर कई आंदोलन भी किए गए. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के प्रयास से ही कोल्हान विश्वविद्यालय की स्थापना हो पाई है. विदित हो कि कोल्हान विश्वविद्यालय बनाने को लेकर व्यापक तरीके से छात्र आंदोलन चला था.
नई शिक्षा नीति को लेकर विश्वविद्यालय की ओर से शुरू कर दी गई है तैयारी
साल 2015 में विश्वविद्यालय काे राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा परीक्षित किया गया है. अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान देते हुए यह विश्वविद्यालय समावेशी शिक्षा प्रदान करता है. कम संसाधन के बावजूद भी विवि ने पिछले 13 वर्षों में कई उपलब्धि हासिल की है. रांची विश्वविद्यालय से अलग होने के बाद मात्र 14 अंगीभूत कॉलेज ही संचालित होते थे. लेकिन अब 20 अंगीभूत कॉलेज संचालित होती है. कई प्राइवेट कॉलेजों की स्थापना हो चुकी है. साथ ही च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत नए पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई है. वहीं, नई शिक्षा नीति को लेकर भी पूरी तैयारी विश्वविद्यालय की ओर से शुरू कर दी गई है. इसी सत्र से नई शिक्षा नीति के तहत नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. मालूम हो कि अब स्नातक की पढ़ाई 4 वर्षों की होगी, जिसको लेकर नामांकन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
छह वर्ष के अंदर केयू ने प्राप्त की नैक की ग्रेडिंग
वर्ष 2009 में स्थापित कोल्हान विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है, जिसने स्थापना काल से छह वर्ष के अंदर नैक की ग्रेडिंग प्राप्त की है. नैक टीम की ओर से विश्वविद्यालय में गुड गवर्नेंस के लिए सराहना की गई है. साथ ही टीचिंग, लर्निंग, शोध व आधारभूत संरचना के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों को विश्वविद्यालय के विकास में सहायक व सकारात्मक बताया गया है. वहीं, कुलपति प्रो. डॉ. गंगाधर पांडा के प्रयास से कई नए कोर्स चलाने के प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है. विद्यार्थियों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं. पहली बार कोल्हान विश्वविद्यालय की ओर से कम समय में सिलेबस तैयार कर नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है, जो एक विद्यार्थी हित में सराहनीय कदम है.
कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ जयंत शेखर.
विवि के कुलसचिव डॉ. जयंत शेखर ने कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय अपना 13वां स्थापना दिवस मना रहा है. हमारे प्रयासों का जश्न मनाने के लिए हम सभी के लिए यह गर्व और अवसर का क्षण है. विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से विश्वविद्यालय के वोकेशनल सेल ने कई उपलब्धि हासिल की है. आगे भी छात्र हित में काम करने को लेकर विश्वविद्यालय तत्पर्य रोजगारयुक्त कोर्स चलाना सब की जिम्मेदारी बन गई है.
वित्त पदाधिकारी डॉ. पीके पाणी.
वहीं, विवि के वित्त पदाधिकारी डॉ. पीके पाणी ने कहा कि वित्त विभाग के सफलता पुर्वक कार्यवाही के लिए विभाग के सभी कर्मचारियों को स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई. कम संसाधन के बावजूद भी विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों की समस्याओं को हमेशा दूर किया है. किसी भी संस्थान का वित्त विभाग एक महत्वपूर्ण विभाग होता है. इसके बिना संस्थान चलना मुश्किल हो जाता है. कम कर्मचारी की संख्या होने के बावजूद भी कई महत्वपूर्ण काम को निर्धारित समय पर निपटाया गया है, जो एक उपलब्धि है. बेहतर कार्य करने को लेकर आगे भी प्रयास किया जाएगा.
कोल्हान विश्वविद्यालय में अब तक की उपलब्धि
व्यावसायिक और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने में जबरदस्त वृद्धि.
एमबीए शुरू करने के लिए केयू-मैट परीक्षा आयोजित करने जा रही है.
पीजीडीसीए, एमसीए आदि के लिए प्रस्ताव पाइपलाइन में हैं.
वोकेशनल और प्रोफेशनल कोर्सेज ने नए दरवाजे खोल दिए, छात्रों के नए रास्ते और अवसर मिला.
नौकरी की तलाश करना ही नहीं, उनमें उद्यमिता की भावना भी पैदा किया.
स्थापना काल से 6 नए कॉलेजों की स्थापना की गई.
पश्चिमी सिंहभूम में नए महिला कॉलेज की स्थापना कराने को लेकर तैयारी में जुटा विश्वविद्यालय.
कोल्हान विश्वविद्यालय में अब तक विभिन्न विषयों में 65 से अधिक शोधार्थी कर चुके हैं शोध.
सभी शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारी को प्रत्येक महीने के पहले सप्ताह में वेतन भुगतान.
पेंशन तथा अन्य अवकाश सुविधाओं का भी पहले सप्ताह में भुगतान.
विगत वर्ष में लगभग 125 अवकाश प्राप्त शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को पेंशन तथा ग्रेच्युटी का भुगतान.
अवकाश प्राप्त शिक्षकों को सप्तम वेतनमान के आधार पर पेंशन का भुगतान.
कोल्हन विश्वविद्यालय के पीजी विभाग में डिजिटल पोर्ट लगा.
सेंट्रल लाइब्रेरी को अपडेट करने को लेकर कई प्रस्ताव पारित किए गए.
विद्यार्थियों के हित के लिए सेंट्रल लाइब्रेरी में किताबों की संख्या बढ़ाई गई.
2016–18 से 2019–2020 तक यूनिवर्सिटी के एजी ऑडिट के कार्य को पूरा किया गया, साथ ही पूर्व के 25 प्रतिशत ऑडिट ऑब्जेक्शन को निरस्त किया गया.
2009 से नियुक्त शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों के प्राण अकाउंट खोलने के लिये कदम उठाये गये.
वित्त विभाग में शिक्षकेतर कर्मचारियों कमी के बावजूद समय पर अकाउंट मेंटेन करना, समय पर बजट तैयार करना आदि कार्य का सफलता पुर्वक पुर्ण किया गया.