दुर्गम इलाकों में पर्यटकों की राह होगी आसान, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में खुलेंगे 26 बीआरओ कैफे

कठोर जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों वाले सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक नई पहल शुरू की है।

Update: 2022-06-24 01:17 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कठोर जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों वाले सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक नई पहल शुरू की है। देशभर में ऐसे 75 स्थानों पर बीआरओ कैफे स्थापित करने को मंजूरी दी गई है। इसमें केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 12 और लद्दाख में 14 समेत कुल 26 बीआरओ कैफे खोले जाने हैं। बीआरओ कैफे यात्रा मार्ग को और आसान बनाएंगे। साथ ही पर्यटकों को बेहतरीन सुविधाएं भी मिलेंगी।

स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा
फूड प्लाजा तथा रेस्तरां में स्थानीय व्यंजनों के साथ ही प्रचलित खान पान की सामग्री मिलेगी। रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक बयान में बताया गया है कि मंत्रालय ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के साथ 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 75 स्थानों पर वेसाइड एमेनिटीज की स्थापना को मंजूरी दी है।इनका उद्देश्य पर्यटकों को बुनियादी सुविधाएं देना है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
बीआरओ कैफे के तौर पर बनाएंगे पहचान, पीपीपी मोड से होंगे संचालित
देशभर में 75 जगहों पर सड़क किनारे बनने वाले वेसाइड एमेनिटीज को बीआरओ कैफे के रूप में ब्रांडेड किया जाएगा, जहां पर्यटकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन वेसाइड एमेनिटीज को लाइसेंस के आधार पर एजेंसियों के साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में विकसित और संचालित किया जाएगा। इन्हें बीआरओ के दिशा-निर्देशों के अनुसार डिजाइन, निर्माण और संचालन किया जाएगा।
पर्यटकों को ये सुविधाएं मिलेंगी
बीआरओ कैफे में पर्यटकों को दो व चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग, फू ड प्लाजा, रेस्तरां, पुरुषों-महिलाओं और विकलांगों के लिए अलग टॉयलेट, प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं, एमआई रूम आदि जैसी सुविधाएं प्रदान करने का प्रस्ताव है। इसके लिए लाइसेंसधारकों का चयन प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में ये स्थान चयनित
जम्मू-कश्मीर में 12 सड़क खंडों को चुना गया है। इनमें टीपीए, त्रगबल, हुसैनगांव, केएम 95, केएम 117.90, केएम 58, गल्हर, सियोट, बथुनी, बुधल, कपोथा और सुरनकोट शामिल हैं।
लद्दाख में यहां होंगे बीआरओ कैफे
लद्दाख में 14 सड़क खंड चुने गए हैं जहां इन सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। इनमें मटियान, कारगिल, मुलबेक, खलत्से, लेह, हुंदर, चोगलमसर, रुम्त्से, डेब्रिंग, पांग, सरचू, अघम, न्योमा और हनले शामिल हैं।
सुदूरवर्ती सीमावर्ती क्षेत्रों में बीआरओ की है पहुंच
अधिकारियों ने बताया है कि सुदूरवर्ती सीमावर्ती क्षेत्रों में बीआरओ की पहुंच है। सामरिक जरूरतों को पूरा करने के अलावा बीआरओ उत्तरी और पूर्वी सीमाओं के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में सहायक रहा है। इसके चलते इन स्थानों पर पर्यटकों की आमद बढ़ी है। कठोर जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों वाले स्थानों में बीआरओ ने अपनी उपस्थिति के आधार पर पर्यटकों को ऐसी सुविधाएं उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया।
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