जम्मू कश्मीर पुलिस पदकों पर से हटाया जाएगा 'शेर-ए-कश्मीर' की तस्वीर, लगेगा राष्ट्रीय चिह्न, ये है वजह

बीते सोमवार को सरकार ने जम्मू कश्मीर पुलिस पदकों को लेकर एक बड़ी घोषणा की. सरकार ने वीरता और सेवा के लिए दिए जाने वाले इन पदकों पर से शेख अब्दुल्ला की तस्वीर को हटाने का फैसला किया है.

Update: 2022-05-24 02:13 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बीते सोमवार को सरकार ने जम्मू कश्मीर पुलिस पदकों को लेकर एक बड़ी घोषणा की. सरकार ने वीरता और सेवा के लिए दिए जाने वाले इन पदकों पर से शेख अब्दुल्ला की तस्वीर को हटाने का फैसला किया है. अब इस पर राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न 'अशोक स्तंभ' लगाया जाएगा. अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री थे.

पदकों पर अशोक स्तंभ के चिह्न लगाने के बाबत गृह विभाग से आदेश जारी किये गए. इससे पहले सरकार ने 'शेर ए कश्मीर पुलिस पदक' का नाम बदलकर जम्मू कश्मीर पुलिस पदक कर दिया था. सरकार के इस फैसले को राजनीति से भी जोड़ कर देखा जा रहा है.
'शेर-ए-कश्मीर' शेख अब्दुल्ला को कहा जाता था. उनके समर्थक उन्हें इसी नाम से बुलाते थे. 'शेर-ए-कश्मीर' के नाम पर राज्य भर में कई अस्पताल, स्टेडियम, सड़कें और कई अन्य इमारते हैं.
पिता की यादों में फारुक ने लगाई थी तस्वीर
शेख अब्दुल्ला, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला के दादा और फारूक अब्दुल्ला के पिता थे. वे राज्य के पहले सीएम भी थे. जब फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने अपने पिता की याद में पुलिसकर्मियों को दिए जाने वाले पदकों पर उनकी तस्वीर लगा दी थी.
साहित्य अकादमी पुरस्कार से हुए थे सम्मानित
अब्दुल्ला परिवार जम्मू कश्मीर की सियासत में फर्स्ट फैमिली की हैसियत रखता है. शेख अब्दुल्ला का जन्म 5 दिसंबर 1905 को हुआ था और उनका निधन 8 सितंबर 1982 को हुआ था. शेख अब्दुल्ला के मरणोपरान्त 1988 में साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) से सम्मानित किया गया था. यह अवार्ड उनकी लिखी हुई आत्मकथ 'आतिशे-चिनार'के लिए दिया गया था.
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