दिल्ली की विशेष अदालत JKLF प्रमुख यासीन मलिक को आज सुना सकती है सजा, टेरर फंडिंग में कबूल कर चुका है आरोप

टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार दिए गए कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा पर आज फैसला आ सकता है.

Update: 2022-05-25 02:25 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार दिए गए कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा पर आज फैसला आ सकता है. यासीन मलिक की ओर से अपने गुनाह कबूलने के बाद दिल्ली की विशेष एनआईए कोर्ट ने पिछली सुनवाई में उसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) समेत सभी आरोपों में दोषी करार दिया था. कोर्ट ने सजा पर बहस के लिए 25 मई की तारीख तय की थी. मलिक पर जो धाराएं लगी हैं, उसके तहत उसे अधिकतम फांसी की सजा या कम से कम उम्रकैद हो सकती है.

पीटीआई-भाषा के मुताबिक जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक ने आतंकवाद और टेरर फंडिंग के मामले में सभी गुनाह कबूल कर लिए थे. 10 मई को यासीन ने अदालत में कहा था कि वह अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता. यासीन पर यूएपीए की धारा 16 (आतंकवाद कृत्य), धारा 17 (आतंकवाद के लिए फंडिंग जुटाना), धारा 18 (आतंकी साजिश रचना) और धारा 20 (आतंकी गिरोह का सदस्य होना) लगाई गई हैं. इसके अलावा आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) और धारा 124ए (राजद्रोह) के तहत भी उस पर आरोप हैं.
इसके बाद अदालत ने पहले कहा था कि यासीन ने "आजादी की लड़ाई" के नाम पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पैसा जुटाने के मकसद से दुनिया भर में बड़ा नेटवर्क बनाया था. विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को दोषी करार देते हुए एनआईए से उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने के लिए कहा था ताकि ये तय किया जा सके कि उस पर कितना जुर्माना लगाया जा सकता है. यासीन से भी इस बारे में हलफनामा दाखिल करने को कहा था.
कोर्ट इससे पहले यासीन के अलावा अन्य कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ भी आरोप तय कर चुका है, जिनमें शामिल हैं- फारूक अहमद डार उर्फ ​​बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख और नवल किशोर कपूर. लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी चार्जशीट दायर की गई थी, जिन्हें भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. कोर्ट ने तीन आरोपी कामरान यूसुफ, जावेद अहमद भट्ट और सैयद आसिया फिरदौस अंद्राबी को आरोपमुक्त कर दिया था.
1989 के आखिर और 1990 की शुरूआत में जेकेएलएफ ने कश्मीर घाटी में आजादी के नाम पर खूब आतंक फैलाया था. उस समय वही प्रमुख आतंकी संगठन था. जिन वजहों से कश्मीरी पंडितों को विस्थापित होने पर मजबूर होना पड़ा था, उनमें जेकेएलएफ भी प्रमुख था. 2019 में केंद्र सरकार ने जेकेएलएफ पर प्रतिबंध लगा दिया था. यासीन मलिक अभी तिहाड़ जेल में कैद है. उस पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानों की हत्या का भी आरोप है, जिसमें भी वह गुनाह कबूल कर चुका है. उसके खिलाफ मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण के भी आरोप हैं.
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