जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को पनाह देने वाले 12 मददगारों की संपत्ति जब्त, प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा से पहले कसा शिकंजा

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को पनाह देने वालों पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है।

Update: 2022-03-25 06:36 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को पनाह देने वालों पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है।इस कार्रवाई में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घाटी में 12 आतंकी मददगारों की संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं।

श्रीनगर के एसएसपी राकेश बलवाल ने बताया कि पुलिस ने आतंकवादियों को पनाह देने वालों की संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। श्रीनगर के डाउनटाउन, सोवरा, बटमालू आदि इलाकों में यह कार्रवाई की गई है। सूत्रों के अनुसार श्रीनगर के डाउनटाउन, पंथा चौक, सोवरा, बटमालू, नौगाम, हारवन, आदि इलाकों में भी एक दर्जन से अधिक आतंकी मददगारों की संपत्तियों की पहचान की जा चुकी है।
श्रीनगर पुलिस ने लोगों को आगाह किया कि आतंकियों को पनाह देने वालों की संपत्ति को गैरकानूनी गतिविधियां, रोकथाम, अधिनियम (यूएपीए) के तहत अटैच किया जाएगा। एसएसपी ने कहा कि कुछ अचल संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। श्रीनगर पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि यूएपीए की धारा 2जी और 25 के तहत उन संपत्तियों को अटैच करने किया गया है, जिसे आतंकवाद के उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिस ने कहा कि संपत्ति अटैच करने के अलावा ऐसे मामलों में कानून के अनुसार कुर्क कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अमरनाथ यात्रा से पहले आतंकियों व समर्थकों के खिलाफ और तेज होगी कार्रवाई
अमरनाथ यात्रा से पहले कश्मीर घाटी में आतंकियों तथा उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई और तेज की जाएगी। निर्दोष लोगों के खिलाफ आतंकी हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा ग्रिड को और मजबूत किया जाएगा। ओवर ग्राउंड नेटवर्क तथा शांति विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ व्यापक पैमाने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आतंकियों के संभावित ठिकानों को दोबारा से खंगाला जाएगा ताकि शिकंजा कसा जा सके। यह फैसला डीजीपी दिलबाग सिंह और अतिरिक्त मुख्य सचिव व गृह विभाग के आयुक्त सचिव राज कुमार गोयल की संयुक्त अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में किया गया। बैठक में विभिन्न सुरक्षा बलों व खुफिया विभाग के अधिकारी, कश्मीर के सभी जिलों के पुलिस प्रमुख भी उपस्थित थे।
बैठक में डीजीपी ने आतंकी हिंसा के खिलाफ सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने की हिदायत देते हुए कहा कि सभी सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत है ताकि परिणाम हासिल हो सके। निरीह लोगों के खिलाफ आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करने की जरूरत है। आतंकवाद के समर्थकों को किसी प्रकार की छूट देने की गुंजाइश नहीं उठा रखी है। इसके लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। आयुक्त सचिव ने आतंकवाद निरोधक मोर्चे पर पुलिस तथा केंद्रीय बलों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अनैतिक गतिविधि निवारण अधिनियम (यूएपीए) से जुड़े मामलों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाए। उन्होंने पुलिस ढांचे की मजबूती के लिए प्रस्ताव भी देने को कहा।
लक्षित हत्याओं व हाईब्रिड मॉड्यूल पर बनी रणनीति
बैठक में लक्षित हत्याएं तथा हाईब्रिड टेरर मॉड्यूल के बारे में भी विचार किया गया। साथ ही इससे निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इसके साथ ही सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों की सुरक्षा तथा घुसपैठ के स्थानों के बारे में भी चर्चा करते हुए रणनीति बनाई गई।
हिंसा छोड़ मुख्यधारा में शामिल हों युवा: डीजीपी
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि प्रदेश में आतंकियों की संख्या में कमी आई है। आतंकी गतिविधियां भी घटी हैं, लेकिन सुरक्षा बल आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फें कने के लिए पूरी तरह कमर कसे हुए हैं। ओजीडब्ल्यू तथा आतंकियों के समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई व्यापक पैमाने पर की जा रही है। पंचायत प्रतिनिधियों के सुरक्षा का मूल्यांकन करते हुए उनकी सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। जहां कहीं भी जरूरत पड़ती है तो उसे उस हिसाब से बढ़ाया जाता है।
पुलिस मार्टियर्स मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट के दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आतंकवाद का रास्ता चुन चुके युवाओं से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर देश की मुख्यधारा में शामिल हो। हिंसा का अंत तब तक नहीं होगा जब तक युवाओं के पास बंदूक और हथगोला होगा। कहा कि तबाही और बर्बादी का रास्ता जम्मू और कश्मीर ने पिछले 30 सालों से देखा है। हजारों जिंदगियां यहां गई हैं।
नौजवान, बच्चे, बुज़ुर्ग और सुरक्षाबलों के जवान अपनी जान दे चुके हैं। अब तबाही का रास्ता छोड़कर अमन के रास्ते को अपनाने की जरूरत है। डीजीपी ने कहा कि कुछ नौजवान पाकिस्तान के उकसाने पर अभी भी गलत रास्ते पर चल रहे हैं। हाथ में बंदूक और पिस्तौल लेकर किसी भी बेगुनाह की जान लेना जायज नहीं है। यह रास्ता उनके साथ साथ हमारे समाज को तबाही और बर्बादी की ओर ले जाता है। इसलिए अमन के रास्ते पर चलकर समाज की बेहतरी के लिए काम करने की जरूरत है।
फुटबॉल प्रतियोगिता में ट्रॉफी पर जेके बैंक का कब्जा
डीजीपी ने कहा कि फुटबॉल प्रतियोगिता में 16 टीमों ने भाग लिया। आज फाइनल मैच देख कर काफी अच्छा लगा। खुशी है कि बाकी चीजों के साथ फुटबॉल संस्कृति यहां बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रही है। प्रतियोगिता में जम्मू-कश्मीर बैंक की टीम ने ट्रॉफी पर कब्जा किया।
Tags:    

Similar News

-->