जम्मू-कश्मीर आएंगे मार्च में PM मोदी, 25 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों को करेंगे लॉन्च
जम्मू-कश्मीर में नई औद्योगिक नीति व औद्योगिक पैकेज से बदले माहौल के बीच मार्च माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश में 25 हजार करोड़ के निवेश का धरातल पर शुभारंभ करेंगे।
जम्मू-कश्मीर में नई औद्योगिक नीति व औद्योगिक पैकेज से बदले माहौल के बीच मार्च माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश में 25 हजार करोड़ के निवेश का धरातल पर शुभारंभ करेंगे। प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री को निवेश की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए आमंत्रित किया था, जिस पर पीएम ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करने पर सहमति जताई है। यह जानकारी उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने दी।
वे मंगलवार को जम्मू के बजालता में 41 करोड़ की लागत से तैयार बिजली आपूर्ति से जुड़ी 20 परियोजनाओं के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। एलजी ने कहा कि कुछ दिन पूर्व उन्होंने प्रधानमंत्री से 20 से 25 हजार करोड़ निवेश की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की अध्यक्षता करने का आग्रह किया था। पीएम ने हामी भर दी है।
बजालता से शुरू की गईं 20 परियोजनाओं से जम्मू, उधमपुर, पुंछ और राजोरी में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में सुधार होगा। एलजी ने कहा कि निवेशकों के लिए लाई गई योजना से हमें 25 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद थी, लेकिन इस योजना का रिस्पांस देखकर उम्मीद है कि जल्द ही 70 हजार करोड़ का निवेश आकर्षित होगा। इसके लिए जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त जमीन और बिजली की जरूरत होगी। इसे लेकर हम अभी से तैयारी कर रहे हैं।
मार्च में 200 मेगावाट बढ़ेगा, डेढ़ साल में होंगे आत्मनिर्भर
उप राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर से 3500 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। मार्च में 200 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलेगी। डेढ़ वर्ष में दो बड़ी परियोजनाएं पूरी होने से जम्मू-कश्मीर बिजली क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगा। वर्ष 2024 तक अतिरिक्त 2500 मेगावाट बिजली होने लगेगा।
एलजी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विद्युत उत्पादन क्षमता का पहले दोहन नहीं किया गया। बिजली आपूर्ति ढांचा भी बदहाल रहा। हमने केंद्र की मदद से जम्मू-कश्मीर के संसाधनों पर काम करना शुरू किया। आने वाले समय में जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों में बिजली संकट पूरी तरह से दूर हो जाएगा।
निशुल्क बिजली का प्रावधान नहीं, पर गरीबों-किसानों पर करेंगे विचार
उप राज्यपाल ने कहा कि बिजली के निशुल्क वितरण का कोई प्रावधान नहीं है। सरकार बिजली वितरण से जुड़ी जवाबदेही और पारदर्शिता लाने के लिए स्मार्ट मीटर लगवा रही है। हर नागरिक को बिजली खर्च का भुगतान करना होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि गरीबों और किसानों के लिए प्रदेश प्रशासन मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए विचार करेगा।