कश्मीर के 30 से ज्यादा सरकारी मुलाजिमों पर जल्द हो सकती है कार्रवाई, आतंकियों से जुड़े हैं तार
आतंकियों की मदद करने वाले सरकारी तंत्र पर और कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी है। सरकार के रडार पर चल रहे कश्मीर विश्वविद्यालय और सरकारी विभागों के 30 से अधिक मुलाजिमों पर जल्द कार्रवाई हो सकती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आतंकियों की मदद करने वाले सरकारी तंत्र पर और कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी है। सरकार के रडार पर चल रहे कश्मीर विश्वविद्यालय और सरकारी विभागों के 30 से अधिक मुलाजिमों पर जल्द कार्रवाई हो सकती है। खुफिया एजेंसियों से इन मुलाजिमों की जानकारी मांगी गई है। इससे पहले 38 मुलाजिमों को बर्खास्त किया जा चुका है।
सूत्रों के अनुसार कश्मीर विश्वविद्यालय के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों समेत सरकारी विभागों में तैनात 30 से ज्यादा मुलाजिमों के तार आतंकी गतिविधियों से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े मिल रहे हैं।
खुफिया एजेंसियों को विश्वविद्यालय, स्कूल और सरकारी कार्यालयों के उन कर्मचारियों की सूची तैयार करने को कहा है जो आतंकी संगठनों से सहानुभूति रखते हैं या छात्रों और स्थानीय लोगों के बीच अलगाववाद फैलाते हैं। खुफिया एजेंसियों ने ऐसे कर्मचारियों और शिक्षकों की तीन श्रेणियां तैयार की हैं जो आतंकी संगठनों की विचारधारा को फैलाने में शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि 15 प्रोफेसर या शिक्षक सुरक्षा बलों के रडार पर हैं।
इनमें से तीन पर तत्काल कार्रवाई की जरूरत बताई गई है जबकि 15 निगरानी सूची में हैं। संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) के तहत गठित समिति की सिफारिश के तुरंत बाद पहली श्रेणी के तहत आने वालों को बर्खास्त कर दिया जाएगा, जबकि दूसरी श्रेणी के तहत कर्मियों पर नजर रखी जा रही है। तीसरी श्रेणी में वे हैं जो गुमराह हो गए हैं।
मुख्यधारा में वापसी के लिए इन सरकारी कर्मचारियों की काउंसलिंग की जाएगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय के अधिकांश शिक्षक आतंकवाद के खिलाफ हैं और उनमें भारत विरोधी भावना नहीं है। हाल ही में भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और प्रोत्साहित करने के लिए कश्मीर विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर अल्ताफ हुसैन पंडित और एक स्कूल शिक्षक मोहम्मद मकबूल हजम को बर्खास्त कर दिया था।
आतंकी संगठनों के साथ संबंध रखने के लिए सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता पर कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार ने पिछले दो वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी संगठनों के संपर्क में रहने के लिए अब तक 38 अधिकारियों को बर्खास्त किया है। इन पर जम्मू-कश्मीर में आतंकी नेटवर्क के लिए काम करने का आरोप है।