जम्मू कश्मीर: महबूबा मुफ़्ती की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर PDP की श्रीनगर में बैठक

परिसीमन आयोग ने जम्मू कश्मीर में सात सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव सभी राजनीतिक दलों के सामने रखा है।

Update: 2022-02-13 10:24 GMT

जम्मू कश्मीर: परिसीमन आयोग ने जम्मू कश्मीर में सात सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव सभी राजनीतिक दलों के सामने रखा है। इसको लेकर सभी दलों में घमासान मचा हुआ है। रविवार को परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए पीपुल्स डेमाक्रेटिक पार्टी की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने की। इसमें पार्टी के सभी सदस्य शामिल हैं।

परिसीमन रिपोर्ट का फायदा सिर्फ एक दल को : तारिगामी
नेकां, पीडीपी समेत छह दलों पर आधारित गुपकार गठबंधन के प्रवक्ता मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने कहा कि सिर्फ एक दल को फायदा पहुंचाने के लिए परिसीमन आयोग ने अंतरिम रिपोर्ट तैयार की है। तारिगामी का कहना है कि प्रदेश के पांच सांसदों जिसमें नेकां के भी तीन सांसद शामिल हैं को मिली अंतरिम रिपोर्ट समझ से बाहर हैं।
शोपियां जिले को श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में डाला
राजोरी और पुंछ जिलों को अनंतनाग संसदीय क्षेत्र में शामिल किया गया है, जबकि मुगल रोड कश्मीर के शोपिया जिले से लिंक होती है। अनंतनाग उससे कही दूर है। शोपियां जिले को श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में डाला गया है। जम्मू का आरएस पुरा जोकि पिछले दो दशक से ज्यादा समय से आरक्षित सीट रही है।
पुंछ जिले में तीन विधानसभा सीटों को आरक्षित किया गया
उसे एक बार फिर आरक्षित कर जन आकांक्षाओं से खिलवाड़ किया गया है। पुंछ जिले में तीन विधानसभा सीटों को आरक्षित कर दिया गया है। ऐसे में अन्य वर्ग कहा जाएंगे। कुल मिलाकर अंतरिम रिपोर्ट से न तो कश्मीर और न ही जम्मू संभाग के लोगों का भला होगा।
आपत्तियां 14 फरवरी तक परिसीमन आयोग को सौंपी जाएंगी
गुपकार गठबंधन में शामिल नेशनल कांफ्रेंस पहले ही अंतरिम रिपोर्ट को खारिज कर चुकी है और वह अपनी आपत्तियां 14 फरवरी तक परिसीमन आयोग को सौंप देगी। गुपकार गठबंधन के सभी दलों की बैठक 23 फरवरी को बुलाई गई है जिसमे परिसीमन समेत अन्य मुद्दो पर चर्चा होगी और गुपकार गठबंधन अपना पक्ष सार्वजनिक करेगा।
उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, परिसीमन आयोग के काम का तरीका पूरी तरह पारदर्शी
उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने परिसीमन आयोग की अंतरिम रिपोर्ट पर मचे हो हंगामे पर कहा कि वह निश्चिंत हैं कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती क्योंकि यह सांविधानिक संस्था है और इसके काम करने का तरीका पूरी तरह पारदर्शी व वैज्ञानिक है।
सुझाव के बाद यह आम लोगों के लिए भी सार्वजनिक किया जाएगा
सहयोगी सदस्यों के सुझाव के बाद यह आम लोगों के लिए भी सार्वजनिक किया जाएगा। यदि किसी को लगता है तो वह आपत्ति कर सकता है। उन्होंने फिर दोहराया कि गृह मंत्री ने यह आश्वस्त किया है कि परिसीमन पूरा होने के बाद चुनाव होंगे और फिर राज्य का दर्जा बहाल होगा।
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