जम्मू-कश्मीर: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा- 'आपत्ति जताने वाले आयोग के समक्ष लिखित तौर से रखें अपना पक्ष'
परिसीमन आयोग की मसौदा रिपोर्ट पर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने आपत्तियां दर्ज करा दी हैं।
जम्मू-कश्मीर: परिसीमन आयोग की मसौदा रिपोर्ट पर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने आपत्तियां दर्ज करा दी हैं। भाजपा ने आयोग की रिपोर्ट पर अपने सुझाव दिए हैं। आयोग ने मसौदा रिपोर्ट पर एसोसिएट सदस्यों को 14 फरवरी तक अपने सुझाव व आपत्तियां दर्ज करवाने का समय दिया था।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि आयोग की अंतरिम रिपाेर्ट पर जिन्हें आपत्ति है, वे लिखित तौर पर अपना पक्ष आयोग के समक्ष रखें। आयोग का गठन संसद द्वारा पारित कानून के तहत हुआ है। सिन्हा ने कहा कि चुनाव आयोग स्वायत्त संस्था है। परिसीमन आयोग इसके अधीन काम करता है। किसी को आयोग की सिफारिशों पर आपत्ति है तो वह लिखित तौर पर आपत्तियां और सुझाव आयोग को सीधे भेजें।
रिपोर्ट की प्रक्रिया में मूलमंत्रों का उल्लंघन किया : नेकां
नेकां सांसद हसनैन मसूदी ने बताया कि पार्टी ने परिसीमन आयोग के ड्राफ्ट पर अपनी आपत्तियां दर्ज करवा दी हैं। दिल्ली में सोमवार को आयोग के समक्ष 15 पेज की रिपोर्ट में ड्राफ्ट का विरोध किया गया है। इसमें सर्वोच्च न्यायालय में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के मामले के विचाराधीन होने के साथ रिपोर्ट की प्रक्रिया में मूलमंत्रों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।
हसनैन मसूदी ने बताया कि आयोग के समक्ष रखा गया है कि परिसीमन आयोग की प्रक्रिया जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत की गई है, जबकि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है और यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए जब न्यायालय से मामले पर कोई फैसला नहीं सुनाया गया है तो परिसीमन आयोग की प्रक्रिया कैसे हो सकती है। इसके साथ परिसीमन प्रक्रिया में आबादी को प्रमुख रूप से आधार बनाया जाता है, लेकिन आयोग की ड्राफ्ट रिपोर्ट में इसका उल्लंघन किया गया है।