निजी स्कूलों के बस किराया वृद्धि पर जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने समिति को दिया निर्देश, कहा- अंतिम निर्णय शीघ्र ले कमेटी
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने सोमवार को निजी स्कूलों के शुल्क के निर्धारण और नियमन के संबंध में दाखिल याचिका पर निजी स्कूलों का पक्ष सुनने के बाद शुल्क निर्धारण समिति से कहा है कि वह इस पर शीघ्र अंतिम निर्णय ले।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने सोमवार को निजी स्कूलों के शुल्क के निर्धारण और नियमन के संबंध में दाखिल याचिका पर निजी स्कूलों का पक्ष सुनने के बाद शुल्क निर्धारण समिति से कहा है कि वह इस पर शीघ्र अंतिम निर्णय ले। न्यायमूर्ति अली मोहम्मद माग्रे और न्यायमूर्ति मोहन लाल की पीठ ने यह निर्देश तब पारित किया जब अतिरिक्त महाधिवक्ता आसिफा पडरू ने अदालत को सूचित किया कि फीस निर्धारण समिति के प्रशासनिक अधिकारी ने इस मामले को सरकार के अतिरिक्त सचिव (स्कूल शिक्षा विभाग) के समक्ष उठाया है।
उन्हें अवगत कराया है कि परिवहन शुल्क में 12 फीसदी की वृद्धि की अनुमति देने वाला आदेश अस्थायी था। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी ने अतिरिक्त सचिव को यह भी बताया कि समिति निजी स्कूल एसोसिएशन सहित सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले में अंतिम आदेश पारित करेगी। निजी स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि परिवहन शुल्क में वृद्धि सभी प्रासंगिक कारकों जैसे राष्ट्रीय सूचकांक, ईंधन शुल्क में वृद्धि, बीमा में वृद्धि, कर आदि के आधार पर होनी चाहिए।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने कहा, हम समिति को इस निर्देश के साथ इस याचिका का निपटारा करते हैं कि इस मामले पर अंतिम रूप से विचार किया जाए और एसोसिएशन को सुनवाई का मौका देने के बाद जल्द से जल्द इस पर अंतिम निर्णय लिया जाए।
निजी स्कूलों ने अपना पक्ष भी सुनने का किया था आग्रह
मालूम हो कि नौ मार्च को स्कूलों की फीस तय करने वाली कमेटी ने स्कूल बस का किराया 12 फीसदी बढ़ाया था। इस वृद्धि को कम बताते हुए निजी स्कूल एसोसिएशन ने अदालत से आग्रह किया था कि उनका पक्ष भी सुना जाए। इसके बाद बस किराया वास्तिवक दरों के मुताबिक बढ़ाया जाए।