जम्मू-कश्मीर सरकार ने अटैचमेंट में ड्यूटी कर रहे सभी शिक्षकों से को कहा मूल तैनाती स्थल पर कार्यभार संभालने
जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा
जम्मू कश्मीर में प्रशासनिक ड्यूटी कर रहे शिक्षकों को अब स्कूलों में जाकर पढ़ाना होगा। जम्मू-कश्मीर सरकार ने सभी शिक्षकों की अटैचमेंट रद्द कर दी हैं। इन शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से अपने मूल तैनाती स्थल पर कार्यभार संभालने को कहा गया है जहां से वे वेतन लेते हैं।
शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव बीके सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न जिलों और विभिन्न विभागों में प्रशासनिक कार्य के लिए अटैच या तैनात किए गए सभी शिक्षकों की तैनाती व अटैचमेंट तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई है। सभी तत्काल अपने मूल तैनाती स्थल पर कार्यभार संभालें अन्यथा उनके खिलाफ नियमों के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षकों की दूरदराज के स्कूलों में कमी है। जिला मुख्यालय और आसपास के स्कूलों में सरप्लस शिक्षक हैं, जो अटैचमेंट लेकर प्रशासनिक ड्यूटी पर हैं। ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग, चुनाव कार्यालय समेत कई अन्य विभागों में भी प्रशासनिक कार्य के लिए शिक्षकों को तैनात किया गया है। इस वजह से स्कूल शिक्षा प्रभावित हो रही है। इसी बाधा को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया गया है।
छात्र-शिक्षक अनुपात बनाए रखने के लिए सरकार से जवाब तलब
छात्र-शिक्षक अनुपात को बनाए रखने के लिए नीति बनाने की मांग पर हाईकोर्ट ने सरकार से इस मामले में ताजा रिपोर्ट मांगी है। जम्मू-कश्मीर लद्दाख शिक्षक फेडरेशन की ओर से इस मामले को लेकर याचिका दायर की गई थी। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल और न्यायाधीश संजय धर वाली खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की।
स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही
कहा कि जो रिपोर्ट पहले पेश की गई उसमें यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वे परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिनका रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है। अगली रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताएं कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में छात्र-शिक्षक अनुपात में प्रगति को लेकर क्या किया गया है। याचिका में बताया गया कि कई स्कूलों में शिक्षक ज्यादा हैं और छात्र कम। कई स्कूलों में इतने छात्र हैं कि एक शिक्षक से काम चलाना पड़ता है। इसकी वजह से स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।