श्रीनगर और डोडा में बाजारों, मंदिरों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य, जिला प्रशासन ने टारगेट किलिंग की घटनाओं को देखते हुए जारी किया आदेश

टारगेट किलिंग की घटनाओं को देखते हुए श्रीनगर और डोडा जिला प्रशासन ने बाजारों, मंदिरों से लेकर अन्य भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया है।

Update: 2022-04-07 03:31 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। टारगेट किलिंग की घटनाओं को देखते हुए श्रीनगर और डोडा जिला प्रशासन ने बाजारों, मंदिरों से लेकर अन्य भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया है। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश में कहा गया है कि संबंधित व्यापारिक संगठनों व धार्मिक संघों को इन संवेदनशील स्थानों को अगले दो सप्ताह के भीतर सीसीटीवी निगरानी में लाना होगा।

सीसीटीवी कैमरे अच्छे रेजोल्यूशन और 30 दिन की रिकॉर्डिंग क्षमता के होने चाहिए। आदेश की अवमानना करने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी। श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट एजाज असद ने आदेश में कहा है कि जिले में कई बैंक, एटीएम, शॉपिंग मॉल, होटल, रेस्तरां, पेट्रोल पंप, सिनेमा हॉल इत्यादि स्थानों पर सीसीटीवी नहीं लगाए गए हैं।
दो सप्ताह में सीसीटीवी की निगरानी सुनिश्चित करनी होगी। वहीं डोडा जिला प्रशासन ने भी टारगेट किलिंग की घटनाओं का हवाला देते हुए बाजारों और मंदिरों समेत तमाम धार्मिक स्थलों के आसपास दो सप्ताह में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश जारी किए हैं।
बाजारों और मंदिरों की तरफ जाने वाले रास्तों से लेकर प्रवेश और बाहर जाने वाले स्थान सीसीटीवी की निगरानी में लाने होंगे। जिला मजिस्ट्रेट विकास शर्मा ने आदेश में कहा है कि पार्किंग स्थल के 40 मीटर दायरे में सीसीटीवी कैमरे से निगरानी सुनिश्चित करनी होगी।
आदेश में कहा गया है कि टारगेट किलिंग की घटनाओं से लेकर देश विरोधी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तकनीकी का इस्तेमाल जरूरी हो गया है। संदिग्ध गतिविधि नजर आते ही संबंधित थाना प्रभारी को फौरन सूचित करना होगा। जिला मजिस्ट्रेट की ओर से जारी आदेश 6 अप्रैल से चार जून तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद इसकी मियाद बढ़ाई जा सकती है।
आतंकी हमले में शहीद हुआ सीआरपीएफ जवान
उल्लेखनीय है कि रविवार और सोमवार को श्रीनगर, पुलवामा व शोपियां जिलों में हुए आतंकी हमलों में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया जबकि छह नागरिक घायल हुए। इनमें एक कश्मीरी पंडित और चार प्रवासी श्रमिक शामिल हैं।
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