Srinagar श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में बस पर हुए आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। 9 जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में उत्तर प्रदेश, राजस्थान Rajasthan और दिल्ली के तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस के गहरी खाई में गिर जाने से तीन महिलाओं समेत नौ लोगों की मौत हो गई और 41 अन्य घायल हो गए। आतंकवादियों ने 53 सीटों वाली बस पर उस समय गोलीबारी की, जब यह शिव खोरी मंदिर से कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जा रही थी। एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 9 जून को बस पर हुए आतंकी हमले की जांच एनआईए को सौंप दी गई है।
यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह Amit Shah द्वारा जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और वार्षिक अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के एक दिन बाद आया है। रियासी जिले में बस पर हुए आतंकी हमले और केंद्र शासित प्रदेश में कुछ अन्य आतंकी घटनाओं के मद्देनजर ये बैठकें बुलाई गई थीं। 11 जून को आतंकवादियों ने भद्रवाह के चट्टरगल्ला में राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की संयुक्त चौकी पर गोलीबारी की, जबकि 12 जून को डोडा जिले के गंडोह इलाके में तलाशी दल पर हमला किया गया, जिसमें एक पुलिसकर्मी समेत सात सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 13 जून को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, जहां उन्होंने तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमले समेत आतंकी घटनाओं के बाद अधिकारियों को “आतंकवाद-रोधी क्षमताओं की पूरी श्रृंखला” तैनात करने का निर्देश दिया।
शाह ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अपने निर्णायक चरण में है और हाल की घटनाओं से पता चलता है कि आतंकवाद हिंसा के अत्यधिक संगठित कृत्यों से सिमट कर महज छद्म युद्ध में तब्दील हो गया है। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को जम्मू संभाग में भी क्षेत्र वर्चस्व और शून्य-आतंकवाद योजनाओं को लागू करने का निर्देश दिया, जैसा कि उन्होंने सफलता हासिल करने के लिए कश्मीर में किया था। शाह द्वारा आयोजित दोनों बैठकों में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख मनोनीत लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह, बीएसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आर आर स्वैन और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए।