जनरल मनोज पांडे सेना प्रमुख बनने के बाद पहली बार तीन दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे, पहले दिन LAC का दौरा किया

जनरल मनोज पांडे सेना प्रमुख बनने के बाद पहली बार तीन दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे.

Update: 2022-05-13 02:33 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जनरल मनोज पांडे सेना प्रमुख (Army chief General Manoj Pande) बनने के बाद पहली बार तीन दिवसीय दौरे पर लद्दाख (Ladakh) पहुंचे. अपने इस यात्रा के पहले दिन गुरुवार को उन्होंने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत की सैन्य तैयारियों की समीक्षा की. इसके अलावा जनरल पांडे ने लद्दाख सेक्टर में सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मानव रहित हवाई वाहनों के साथ-साथ अन्य 'मेड-इन-इंडिया' रक्षा उपकरणों का जायजा लिया. पहले दिन की यात्रा के दौरान लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर मुख्यालय में वरिष्ठ कमांडरों ने सेना प्रमुख को पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति का समग्र ब्योरा उपलब्ध कराया. इस क्षेत्र में भारत और चीन के सैनिक पिछले दो साल से आमने-सामने हैं. बता दें कि जनरल मनोज पांडे ने 30 अप्रैल को सेना प्रमुख का पदभार संभाला था. थलसेना प्रमुख के रूप में पदभार संभालने के बाद जनरल पांडे का दिल्ली से बाहर यह पहला दौरा है.

सेना ने एक बयान में कहा, 'सेना प्रमुख को सीमाओं पर सुरक्षा की स्थिति से अवगत कराया गया, जिसमें पूर्वी लद्दाख पर विशेष ध्यान दिया गया. क्षमता विकास की उच्च गति को बनाए रखते हुए बलों द्वारा उच्च स्तर की परिचालन तैयारी का उल्लेख किया गया.'
बाद में, जनरल पांडे ने उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और फायर एंड फ्यूरी कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल ए सेनगुप्ता के साथ उपराज्यपाल आर के माथुर से मुलाकात की. सेना ने कहा, 'इसके बाद केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में नागरिक-सैन्य सहयोग और विकास गतिविधियों में भारतीय सेना की भूमिका से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई.'
भारत और चीन के बीच 11 मार्च को हुई थी 15वें दौर की वार्ता
गौरतलब है कि चीन द्वारा सीमावर्ती इलाकों में अहम ठिकानो पर नए पुलों, सड़कों और अन्य अवंसरचना का विकास किया जा रहा जिसके मद्देनजर भारत भी सीमावर्ती इलाकों में अवसंरचना विकास को गति दे रहा है. भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बाकी बचे बिंदुओं पर तनाव खत्म करने के लिए उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता कर रहे हैं. दोनों देशों ने 11 मार्च को 15वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता की थी ताकि इलाके में लंबित मुद्दों का समाधन निकाला जा सके. मगर इस वार्ता से खुख खास निकलकर सामने नहीं आया.
5 मई 2020 से जारी है गतिरोध
भारत और चीन के बीच कई दौरान की चली सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिण तट और गोगरा इलाके से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी की थी. इस समय एलएसी के संवेदनशील सेक्टर में दोनों ओर से 50 से 60 हजार सैनिक तैनात हैं. पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध शुरू हुआ था. दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों की तैनाती बढ़ा दी है.
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