अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा के लिए दस हजार जवानों की तैनाती, केंद्रीय गृह सचिव करेंगे समीक्षा

दो साल के अंतराल के बाद 30 जून को शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा 2022 के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है.

Update: 2022-04-14 12:42 GMT

श्रीनगर : दो साल के अंतराल के बाद 30 जून को शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा 2022 के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है. यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. अमरनाथ यात्रा 2022 की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर होने वाली बैठक में खुफिया ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार भी शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक भल्ला और अरविंद कुमार अमरनाथ यात्रा इंतजाम समीक्षा के लिए दो दिवसीय यात्रा पर श्रीनगर जाएंगे.

अमरनाथ यात्रा की व्यवस्था की समीक्षा को लेकर होने वाली उच्चस्तरीय बैठक में तीर्थयात्रा के लिए किए जाने वाले तमाम प्रबंधों का जायजा लिया जाएगा. गृह सचिव और आईबी प्रमुख आगामी यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा उपायों के बारे में जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. अधिकारी एक रिपोर्ट तैयार करेंगे और नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंपेंगे. एक अनुमान के मुताबिक अमरनाथ यात्रा के लिये केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कुल 110 कंपनियों या 10 हजार जवानों को तैनात किए जाने की उम्मीद है.बता दें कि 43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 11 अप्रैल से शुरू हो गया है.

तीर्थयात्रा के दौरान पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त करने के लिए गृह मंत्रालय सुरक्षा बलों की 40 कंपनियां मुहैया करा चुका है. कश्मीर घाटी में सोनमर्ग और पहलगाम के रास्ते गुजरने वाली अमरनाथ यात्रा के संबंध में भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने श्रीनगर में प्रेस वार्ता कर कहा था, इस साल की अमरनाथ यात्रा जम्मू-कश्मीर के इतिहास की सबसे बड़ी यात्राओं में से एक होगी. लगभग 6-8 लाख यात्रियों के आने की उम्मीद है.

बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के कारण बीते दो साल यात्रा का आयोजन नहीं किया जा सका था. अमरनाथ यात्रा से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में अधिकारियों ने बताया कि बैठक 15 अप्रैल को होगी और इसकी अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा करेंगे. बैठक में श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी), खुफिया विभाग, केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अफसर शामिल होंगे.

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