जम्मू-कश्मीर में सेना का ऑपरेशन ऑल आउट जारी है. कश्मीरी हिंदुओं के खिलाफ टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ने के बाद इसे और तेज कर दिया गया है. ताजा जानकारी के मुताबिक जनवरी से लेकर अब तक घाटी में 118 आतंकी मुठभेड़ में मारे गए हैं. इसमें 32 विदेशी आतंकी भी शामिल हैं.
IGP कश्मीर के मुताबिक छह महीनों के अंदर मारे गए 118 आतंकियों में से 77 पाकिस्तानी प्रायोजित लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे. वहीं सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में ढेर हुए 26 आतंकी जैश-ए- मौहम्मद के सदस्य थे. बता दें कि पिछले साल (2021) जनवरी से जून तक 55 आतंकियों को सेना ने ढेर किया था. इनमें 2 विदेशी टेररिस्ट भी शामिल थे.
दो दिन पहले ही 19 जून को कश्मीर में 24 घंटे के अंदर सुरक्षाबलों और दहशतगर्दों के बीच तीसरी मुठभेड़ हुई थी. एनकाउंटर पुलवामा में हुआ था. मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया था. बता दें कि इससे पहले रविवार को कुलगाम और कुपवाड़ा में हुए दो एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को मार गिराया था.
तीसरी मुठभेड़ की खबर रविवार देर रात आई थी. इससे पहले 2 दहशतगर्द कुपवाड़ा और 2 कुलगाम में मारे गए थे. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया था कि एनकाउंटर में मारा गया एक दहशतगर्द लश्कर-ए-तैयबा का मेंबर था. वह पाकिस्तान का रहने वाला था. कश्मीर जोन पुलिस ने कहा था कि कुपवाड़ा में हुए एनकाउंटर में जो आतंकी मारा गया था, उसकी पहचान पाकिस्तानी के रूप में की गई थी.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक कुपवाड़ा के लोलाब इलाके में छिपे एक आतंकवादी शौकत अहमद शेख से पूछताछ के बाद कुपवाड़ा पुलिस ने सेना के साथ एक संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया था. इससे पहले सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में मुठभेड़ के दौरान जम्मू के स्कूल की एक शिक्षक रजनी बाला की हत्या करने वाले दो आतंकवादियों को मार गिराया था.