जम्मू-कश्मीर विस चुनाव में सेना-अर्धसैनिक बलों के जवान भी डाल सकेंगे वोट, मतदाताओं के लिए 31 अक्तूबर तक तैयार होगी नई सूची
जम्मू-कश्मीर में सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी मतदाता बनने का मौका दिया गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू-कश्मीर में सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी मतदाता बनने का मौका दिया गया है। शर्त यह है कि इनकी तैनाती फारवर्ड स्टेशन (बॉर्डर) पर न हो। पीस स्टेशन (बॉर्डर से दूर) पर तैनात जवानों को संबंधित विधानसभा सीट पर सामान्य मतदाता के रूप में पंजीकृत होने का चुनाव आयोग ने मौका दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जवानों और गैर प्रांत के लोगों को मतदाता बनने का मौका मिलने से प्रदेश की दो दर्जन से अधिक सीटों पर असर पड़ सकता है।
सर्विस मतदाताओं हो सकते हैं सामान्य मतदाता के रूप में पंजीकृत
आयोग के अनुसार सरकारी नौकरी वाले मतदाताओं के पास विकल्प होगा कि जहां उनकी वास्तविक रूप से तैनाती और अस्थायी आवास है उस विधानसभा में वह सामान्य मतदाता के रूप में अपने आप को पंजीकृत करवा सकते हैं। दूसरा विकल्प है कि वह पैतृक आवास पर सर्विस वोटर के रूप में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। फारवर्ड स्टेशन पर तैनात सर्विस मतदाताओं को सामान्य मतदाता के रूप में पंजीकृत होने का विकल्प नहीं है। साथ ही वह अपने आपको सामान्य मतदाता के रूप में अपने पैतृक स्थान पर पंजीकृत नहीं करा सकता है।
सर्विस वोटर की पत्नी भी सूची में दर्ज करवा सकती है नाम
विधानसभा क्षेत्र में अस्थायी आवास मतदाता सूची में पंजीकरण की प्राथमिक शर्त है। अपने तैनाती स्थल पर रहने के बावजूद संबंधित व्यक्ति सर्विस वोटर के रूप में अपना नाम पैतृक आवास वाले विधानसभा क्षेत्र में दर्ज करा सकता है। केंद्रीय सशस्त्र बल, आर्मी एक्ट के प्रावधानों के लागू होने वाले बल, राज्य के सशस्त्र बल का सदस्य जो राज्य से बाहर सेवाएं दे रहा हो, को सर्विस मतदाता के रूप में माना जाएगा। यह भी प्रावधान किया गया कि सर्विस वोटर की पत्नी का नाम भी मतदाता के रूप में दर्ज कराया जा सकता है।
कमांडिंग अफसर के जरिये जमा करना होगा फार्म
आयोग के अनुसार मतदाता बनने का विकल्प चुनने वाले सभी जवान अपने कमांडिंग अफसर और रिकॉर्ड अफसर के माध्यम से फार्म जमा करने से लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी करेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस व्यवस्था से प्रदेश की कई सीटों पर चुनाव में असर पड़ सकता है। इसमें उधमपुर, कठुआ, सांबा, नगरोटा, उड़ी, आरएस पुरा, बिश्नाह, नौशेरा के साथ ही जम्मू की कई सीटें शामिल हैं। इनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर के लगभग सभी जिलों में सामान्य मतदाताओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
सर्विस मतदाताओं के लिए 31 अक्तूबर तक तैयार होगी नई सूची
परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के तहत जम्मू-कश्मीर के सर्विस मतदाताओं (सरकारी नौकरी वाले मतदाता) के लिए 31 अक्तूबर 2022 तक नई मतदाता सूचियों को तैयार किया जाएगा। इस संबंध में चुनाव आयोग की तरफ से अधिसूचना जारी की गई है। जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन सालों से सर्विस मतदाताओं की मतदाता सूचियों में संशोधन नहीं हुआ है।
31 अक्तूबर को अंतिम मतदाता सूची जारी होंगी
ऐसे में आयोग ने सभी योग्य सर्विस मतदाताओं को मतदाता सूचियों में अपना नाम शामिल करवाने की अपील की है। सर्विस मतदाताओं के लिए 12 अगस्त 2022 से 11 सितंबर 2022 तक अपने नाम मतदाता सूचियों में जुड़वाने के लिए फार्म भरने की तिथि निर्धारित की गई है। 26 सितंबर से 15 अक्तूबर तक फार्म की जांच का काम पूरा किया जाएगा। चार अक्तूबर से 25 अक्तूबर तक नामों में संशोधन किया जा सकेगा। 31 अक्तूबर को अंतिम मतदाता सूचियों को जारी कर दिया जाएगा।