कश्मीर में आंतकियों ने मंगलवार को एक और टारगेट किलिंग को दिया अंजाम

कश्मीर में आंतकियों ने मंगलवार को एक और टारगेट किलिंग को अंजाम दिया। इसे लेकर घाटी में जबरदस्त रोष देखने को मिल रहा है।

Update: 2022-05-31 17:07 GMT

कश्मीर में आंतकियों ने मंगलवार को एक और टारगेट किलिंग को अंजाम दिया। इसे लेकर घाटी में जबरदस्त रोष देखने को मिल रहा है। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में एक हिंदू शिक्षिका की आतंकियों ने गोली मार कर हत्या कर दी है। इसके बाद कश्मीरी पंडित एक बार फिर उबाल पर हैं। घाटी में जगह-जगह कश्मीरी पंडित प्रदर्शन कर रहे हैं।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर सरकार ने 24 घंटे में उन्हें सुरक्षित जगहों पर ट्रांसफर करने को लेकर उचित फैसला नहीं लिया तो वे घाटी से समूह पलायन करेंगे। कश्मीर में प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नौकरी कर रहे कश्मीरी पंडित काम का बहिष्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे घाटी में कैदियों जैसी जिंदगी नहीं जीना चाहते हैं। इसलिए उन्हें घाटी से बाहर शिफ्ट किया जाना चाहिए। सरकार उन्हें बड़े-बड़े आश्वासन देती है, लेकिन इससे उनका जीवन सुरक्षित नहीं हो पा रहा है।
श्रीनगर के बटवारा इलाके में कश्मीरी पंडितों ने सड़क को जाम कर दिया है। यहां अपनी मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी करते हुए उन्होंने सड़क जाम कर दी है। इससे मार्ग के दोनों ओर जाम लग गया है। मौके पर पुलिस और सुरक्षाबल के जवान पहुंच गए हैं और उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
12 मई को कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की हत्या के बाद से घाटी में कश्मीरी पंडित आंदोलन कर रहे है। उनकी मांग है कि जब तक कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हो जाते, उन्हें देश में कहीं भी लेकिन कश्मीर से बाहर ट्रांसफर किया जाए। इसे लेकर घाटी में अलग-अलग जगह पर कश्मीरी पंडितों का धरना-प्रदर्शन जारी है।
महबूबा मुफ्ती ने शिक्षिका हत्या की निंदा करते हुए केंद्र सरकार की आलोचना की है। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'कश्मीर के सामान्य होने के बारे में भारत सरकार के नकली दावों के बावजूद यह स्पष्ट है कि लक्षित नागरिक हत्याएं बढ़ रही हैं और चिंता का एक गहरा कारण है। कायरता के इस कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम है।'
उधर, नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने शिक्षिका की हत्या पर दुख जताया। उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'बेहद दुखद है। निर्दोष नागरिकों पर किए गए हालिया हमलों की एक लंबी सूची में यह एक और टारगेट किलिंग है। निंदा और शोक के शब्द खोखले होते जा रहे हैं। सरकार से बस आश्वासन ही मिल रहा है कि वो स्थिति सामान्य होने तक चैन से नहीं बैठेंगे।'


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