तीन साल बाद तैयार हो रही मतदाता सूची में आयोग की खास नजर, जम्मू-कश्मीर में अब नाम काटना नहीं होगा आसान

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच मतदाता सूची तैयार करने पर इस बार चुनाव आयोग की खास नजर होगी।

Update: 2022-07-06 04:24 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच मतदाता सूची तैयार करने पर इस बार चुनाव आयोग की खास नजर होगी। किसी का नाम काटना आसान नहीं होगा। आधार नंबर नहीं होने पर भी नाम काटे नहीं जा सकेंगे। यदि कहीं 10 फीसदी से अधिक नाम कटे तो उसकी जांच होगी।

चुनाव आयोग की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी को 11 पृष्ठों का दिशा-निर्देश और कार्यक्रम भेजा गया है। आयोग ने साफ तौर पर कहा है कि आधार नंबर उपलब्ध कराने का प्रावधान है, लेकिन मतदाता सूची में नाम शामिल करने का कोई आवेदन आधार उपलब्ध न होने के कारण अस्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके अभाव में मतदाता सूची से कोई नाम काटा भी नहीं जा सकेगा। आयोग ने मतदाता सूची से नाम काटने पर गंभीरता दिखाई है।
कहा है कि यदि एक से अधिक स्थान पर नाम हो या नाम की पुनरावृत्ति हो तो उक्त नाम सूची से काटा जाएगा। मृतक और स्थायी रूप से दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने वाले व्यक्ति का नाम काटने से पहले उसे नोटिस दिया जाएगा। दिशा-निर्देशों में आगे कहा गया है कि दस फ ीसदी नाम काटने वाले आंकड़ों का सत्यापन किया जाए। इसके साथ ही कुछ स्थान ऐसे भी चिह्नित किए गए हैं कि वहां यदि किसी मतदान केंद्र पर कुल मतदाताओं का दो फ ीसदी नाम कटता है तो उसकी भी जांच की जानी चाहिए।
तीन साल बाद तैयार होगी मतदाता सूची
जम्मू-कश्मीर में तीन साल बाद नई सूची तैयार होगी। नई व्यवस्था के अनुसार मतदाता सूची 31 अक्तूबर तक तैयार कर ली जाएगी। एक अक्तूबर के आधार पर मतदाता सूची तैयार की जाएगी, यानी इस तिथि को 18 साल की आयु पूरी करने वाले का नाम सूची में शामिल हो सकता है। मतदाता सूची परिसीमन आयोग की ओर से जारी नए विधानसभा हलकों के अनुसार ही तैयार होना है।
आयोग ने कहा है कि 31 अगस्त तक पुरानी मतदाता सूची के अनुसार विधानसभा वार सूची तैयार कर लेनी है। इसमें किस विधानसभा में कितने वोटर और कितने पुरुष एवं महिला हैं, इसका निर्धारण कर लेना है। एक सितंबर को इसका प्रकाशन किया जाना है। 30 सितंबर तक इस पर दावे और आपत्तियां दाखिल की जा सकती हैं। सीईओ की ओर से दो शनिवार और रविवार को विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद 31 अक्तूबर को अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी।
दलों के प्रतिनिधियों से बैठक जरूरी
आदेश में कहा गया है कि सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी जाए। इसके साथ ही उनसे प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए बूथ स्तरीय एजेंट नियुक्त करने का आग्रह किया जाए जो बीएलओ के साथ समन्वय स्थापित कर इस प्रक्रिया को गति देने में सहयोग करे।
मंडलायुक्तों को बनाया पर्यवेक्षक
आयोग ने दोनों संभाग के मंडलायुक्तों को पर्यवेक्षक बनाया है। दोनों अपने-अपने संभाग के जिलों में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान की निगरानी करेंगे। वे समय-समय पर आकस्मिक रूप से कार्य की प्रगति की जांच करेंगे। आयोग यदि चाहे तो अलग से पर्यवेक्षक भेज सकता है।
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