हिमाचल में 2 दिन का यैलो अलर्ट जारी

Update: 2023-05-05 09:20 GMT
शिमला। यैलो अलर्ट के बीच वीरवार को राजधानी सहित प्रदेश के कई हिस्सों में बादलों के साथ धूप खिली और ऊंचे इलाकों में कहीं-कहीं बारिश भी हुई है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से तापमान में भी अच्छी खासी गिरावट आई है। धूप खिलने से तापमान में थोड़ी बढ़ौतरी हुई है और शुक्रवार को मौसम के साफ रहने के बाद शनिवार और रविवार को फिर से यैलो अलर्ट जारी किया गया है, जिससे लोगों को बारिश फिर से परेशान करेगी। वीरवार को ऊना में अधिकतम 32.0 डिग्री सैल्सियस तापमान दर्ज किया गया है जबकि केलांग में न्यूनतम 1.9 डिग्री सैल्सियस तापमान रिकाॅर्ड हुआ है। राज्य में अभी भी 21 सड़कें, 21 ट्रांसफार्मर और 4 पेयजल योजनाएं प्रभावित चली हुई हैं। इनमें कुल्लू में 9, लाहौल-स्पीति में 6 व चम्बा में 4 सड़कें बंद हैं जबकि चम्बा में ही 21 ट्रांसफार्मर ठप्प चल रहे हैं।
मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों में राज्य में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हुई है, जिसमें धर्मपुर में 36, कसौली में 34, बलद्वाड़ा में 32, सोलन में 28, खदराला व रोहड़ू में 26, करसोग व बरठीं में 23, मनाली, कोठी व चौपाल में 21, कंडाघाट में 20, गोहर व रामपुर में 19, नारकंडा व मशोबरा में 17, कुफरी व शिमला में 16, झंडूता में 15 तथा जुब्बड़हट्टी व बंजार में 13 मिलीमीटर वर्षा रिकाॅर्ड की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरिंद्र पाल ने कहा कि शुक्रवार को मैदानी/निचले, मध्यम व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में 1-2 स्थानों पर हल्की वर्षा/हिमपात जबकि शनिवार और रविवार को आंधी व बिजली के साथ वर्षा का यैलो अलर्ट रहेगा, जिसके तहत मैदानी/निचले पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम, मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम जबकि उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा/हिमपात की संभावनाएं हैं। बारिश से खड़ी फसलों, फलों के पौधों, नई पौध को नुक्सान हो सकता है और नए पौधों पर वर्षा व गरज व बिजली के सीधे प्रभाव से बचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करें। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे कीटनाशक के छिड़काव को फिर से निर्धारित करें।
प्री मानसून सीजन में 200 लोगों की मौत, 109 करोड़ का नुक्सान
2 माह में प्री मानसून सीजन में प्रदेश में जहां 200 लोगों की जान चली गई है, वहीं 109.08 करोड़ का नुक्सान भी हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तहत पहली मार्च से लेकर 4 मई तक 65 दिनों की अवधि में प्रदेश में 200 लोगों को जान गंवानी पड़ी है जबकि 367 लोग घायल हुए और 2 लोग लापता हैं। इनमें बिलासपुर में 16, चम्बा में 10, हमीरपुर में 4, कांगड़ा में 12, किन्नौर में 3, कुल्लू में 19, लाहौल-स्पीति में 2, मंडी में 30, शिमला में 34, सिरमौर में 26, सोलन में 32 और ऊना में 12 लोगों की जान गई है। मौत के इन मामलों में 140 लोग वाहन दुर्घटना, भूस्खलन से 3, डूबने के कारण 7, आग में 1, बिजली के कारण 4, खाई में गिरने से 43 और अन्य कारणों में कुल्लू में जंगली जानवर के हमले और सिरमौर में जंंगली हाथी के हमले से 2 लोगों की मौत हुई है। इस अवधि के दौरान कृषि विभाग को 40.59 करोड़ जबकि बागवानी विभाग को 30.31 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। जिला शिमला में कृषि व बागवानी के मामले में सर्वाधिक नुक्सान हुआ है। राज्य में इस अवधि के दौरान 187 मवेशियों/पक्षियों की जान गई है जबकि 6 पक्के व 32 कच्चे मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए है। 16 पक्के और 38 क'चे मकानों को आंंशिक क्षति हुई। 32 दुकानों/फैक्ट्री, 5 लेबर शैड/पुल/झोंपड़ियों के अलावा 44 गौशालाओं को नुक्सान पहुंचा है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 8 करोड़ की धनराशि राहत के रूप में आबंटित की गई है।
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