बिलासपुर
प्रदेश में ट्राउट क्षेत्र के पहले रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) यूनिट का निर्माण कार्य आरंभ हो गया है। कुल्लू जिला के पतलीकूहल में यह यूनिट अगले छह माह में बनकर तैयार हो जाएगा। कम पानी में अधिक प्रोडक्शन का यह यूनिट देशभर में अपनी तरह का ऐसा पहला ही होगा। इस यूनिट के निर्माण कार्य के लिए 1.28 करोड़ रुपए का बजट जारी हुआ है। इसके बन जाने का यह फायदा होगा कि विभागीय कर्मचारियों को ट्राउट पालन की ट्रेनिंग देने के अलावा मत्स्यपालकों को भी ट्राउट पालन की नई तकनीक के बारे में ट्रेंड किया जा सकेगा।
जानकारी के मुताबिक अभी सोलन जिला के नालागढ़ में आरएएस का (कार्प प्रजाति की मछली) का यूनिट बनाया गया है जहां कम पानी में मछली तैयार करने को लेकर प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन ट्राउट का देश का पहला यूनिट पतलीकूहल में बनाया जा रहा है जिसके लिए सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद आगे की योजना पर काम शुरू हुआ है। ट्राउट मछली की पैदावार बढ़ाने की दृष्टि से भी यह यूनिट काफी सहायक साबित होगी क्योंकि विभाग की ओर से मत्स्यपालकों को ट्रेंड करने के साथ-साथ ट्राउट की नई प्रजातियां भी उपलब्ध करवाई जाएंगी और कम पानी में अधिक प्रोडक्शन के बारे में तकनीकी तौर पर ट्रेंड भी किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस यूनिट में बीस से पच्चीस मीट्रिक टन ट्राउट की प्रोडक्शन करने का लक्ष्य तय किया गया है जिसके लिए फाइबर रिइनफोर्स फाइबर यानी प्लास्टिक युक्त टैंक बनाकर उनमें ट्राउट की प्रजाति तैयार की जाएगी। एचडीएम