ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने पर पंडोह डैम से छोड़ा पानी

Update: 2023-06-25 09:43 GMT
पंडोह। पहले गर्मी के कारण बर्फ पिघलने से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ा और अब प्री-मानसून की दस्तक से नदी-नाले उफान पर हैं। इससे ब्यास नदी का जलस्तर भी काफी ज्यादा बढ़ गया है, ऐसे में प्रशासन ने लोगों से नदी के किनारे न जाने की अपील की है। पंडोह डैम से अब 15500 क्यूसिक पानी प्रति सैकेंड छोड़ा जा रहा है। बीबीएमबी पंडोह के वरिष्ठ अधिशासी अभियंता राजेश हांडा ने बताया कि पंडोह डैम में 22500 क्यूसिक पानी प्रति सैकेंड की दर से आ रहा है, जिसमें से 15500 क्यूसिक पानी ब्यास नदी में छोड़ा जा रहा है। रूटीन के तहत सुंदरनगर जो पानी भेजा जाता है, वह भेजा जा रहा है। पानी छोड़ने के लिए डैम का सिर्फ एक गेट खोला गया है।
एक गेट से ही 70000 क्यूसिक पानी छोड़ने की क्षमता है जबकि अभी सिर्फ 15500 क्यूसिक पानी ही छोड़ा जा रहा है। बरसात के दौरान जलस्तर बढ़ना और अधिक मात्रा में पानी छोड़ने की प्रक्रिया स्वाभाविक है। इस संदर्भ में पहले से ही अलर्ट जारी कर रखा है और लोगों से अपील की गई है कि वे नदी-नालों के नजदीक न जाएं। 25 जून प्रात: 6 बजे से 26 जून प्रात: 6 बजे तक लारजी डैम के सभी गेट खोले जाएंगे। यह प्रक्रिया डैम में जमा सिल्ट की निकासी के लिए की जा रही है। राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड थलौट के वरिष्ठ अधिशासी अभियंता अजय ठाकुर ने लोगों से आग्रह किया है कि इस दौरान लारजी बांध से लेकर पंडोह बांध तक ब्यास नदी के किनारे कोई भी व्यक्ति न जाए तथा पशुओं को भी नदी के किनारे न छोड़ा जाए। इस दौरान लारजी पावर स्टेशन विद्युत गृह में उत्पादन भी पूरी तरह बंद रहेगा। सायरन और प्रचार वाहन के माध्यम से लोगों को सूचित किया जाएगा।
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