पालमपुर में जोरदार नारेबाजी कर दी चेतावनी, करुणामूलक नौकरी को लेकर प्रदर्शन
करुणामूलक नौकरी को लेकर प्रदर्शन
सुलाह
करुणामूलक नौकरियां बहाल न करने पर करुणामूलक आश्रितों ने पालमपुर में सरकार के खिलाफ जारेदार नारेबाजी की। एक साल से भूख-हड़ताल बैठने पर भी राहत न मिलने पर हिमाचल प्रदेश के हजारों करुणामूलक आश्रितों का शनिवार को सब्र का बांध टूट गया। सरकार की अनदेखी के चलते और मांगों के पूरा न करने पर पालमपुर में हजारों करुणामूलक आश्रितों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोलकर अपनी आवाज को बुलंद किया। बता दें कि करुणामूलक आश्रितों को शिमला में क्रमिक भूख-हड़ताल में बैठे हुए एक साल होने वाला है, लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी राहत नहीं दी गई।
करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने सरकार को चेताया कि अब रिवाज तभी बदलेगा जब करुणामूलक नौकरियां बहाल होंगी वरना प्रदेश भर के करुणामूलक आश्रित ताज बदलने में कोई कसर नही छोड़ेंगे। करुणामूलक आश्रितों ने आमरण अनशन की धमकी तक दे दी है। उन्होंने कहा कि अभी भी सरकार के पास समय है करुणामूलक पदाधिकारियों को बातचीत के लिए बुलाया जाए व बातचीत के जरिए ही हल निकलेगा। उन्होंने कहा कि इस रैली की करुणामूलकों की दहाड़ सरकार को महंगी पड़ सकती है। सरकार अगर आगामी कैबिनेट में कुछ फैसला नही लेती है तो आने वाले 29 जुलाई को शिमला में जोरों शोरों से हल्लाबोल किया जाएगा । उन्होंने कहा कि जैसे जिला कांगडा में पालमपुर को चुना गया है, ठीक उसके बाद जिला शिमला में करुणामूलक आश्रितों की गरजना 29 जुलाई को देखने को मिलेगी। कृषि विश्वविद्यालय के करुणामूलक आश्रित भी इस रैली में मौजूद रहे।