कुल्लू। हिमाचल प्रदेश में बेशक भांग की खेती पर प्रतिबंध है और अब इस भांग की खेती को वैध करने की कवायद शुरू हुई है लेकिन उत्तराखंड की भांग से हिमाचल में जूते सहित 200 उत्पाद निर्मित हो रहे हैं। खास बात यह है कि भांग सेे बनने वाली पूलें तो सदियों से चलन में हैं। यह उत्पाद इट्स हैंप कंपनी बना रही है। कांगड़ा में चलने वाली इस कंपनी के फाऊंडर सृजन शर्मा का कहना है कि यदि हिमाचल में भांग की खेती को वैध किया जाता है तो इसके कई फायदे हैं। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और देश की मार्कीट में प्रोडक्ट सस्ते भी मिलेंगे, जिससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और यहीं भांग की खेती भी होगी और यहीं भांग से बनने वाले उत्पादों के निर्माण के लिए उद्योग भी लगेंगे। सृजन ने बताया कि अभी तक वह अपने उत्पादों को बनाने के लिए उत्तराखंड से भांग का रॉ मैटीरियल लाते हैं।
जिसके कारण ये उत्पाद महंगे पड़ रहे हैं। सोनम सोडा व हनीश कतनावर ने बताया कि हिमाचल में विश्व का सबसे पहला सैनेटरी पैड बनाया हुआ है। यह सैनेटरी पैड हिमालयन हैंप इंडस्ट्री डमटाल द्वारा बनाया गया है जोकि बेहद सुरक्षित है तथा महिलाओं को भी बीमारियों से सुरक्षित रखता है। सृजन शर्मा ने बताया कि भांग से 200 के लगभग उत्पाद तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा कॉटेज जो भूकंप प्रतिरोधी है, सर्दियों में गर्म, गर्मियों में ठंडा, आग नहीं लगती है, शर्ट अलग-अलग डिजाइन में तैयार की जा रही हैं। इसके साथ पेपर मैटीरियल, विजिटिंग कार्ड, कॉस्मैटिक शैंपू, मुंहासे के लिए ऑयली स्किन हेयर ऑयल आदि भांग से तैयार हो रहे हैं। भविष्य में बच्चों के डाइपर व जैकेट तैयार किए जाएंगे। इसके साथ हैंप सीड ऑयल, हैंप सीड प्रोटीन पाऊडर व भांग से कपड़े भी तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए कंपनी को भारत सरकार ने नैशनल स्टार्टअप अवार्ड दिया है और यह हिमाचल की एकमात्र हैंप कंपनी है, जिसे यह अवार्ड मिला है।