प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत 2700 करोड़ की 2685 किलोमीटर लंबी सडक़ों की रिपोर्ट तैयार, मंजूरी को जल्द भेजी जाएगी फाइल

लोक निर्माण विभाग प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के दूसरे भाग की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी में है।

Update: 2022-11-28 05:16 GMT

न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लोक निर्माण विभाग प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना (पीएमजीएसवाई) के दूसरे भाग की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी में है। 2700 करोड़ रुपए की इस रिपोर्ट में 2685 किलोमीटर सडक़ का जिक्र शामिल है। केंद्र सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय इस रिपोर्ट पर फैसला लेगा। विभाग के आलाधिकारी पीएमजीएसवाई पर केंद्र सरकार के संपर्क में हैं और पत्राचार जारी है। विभाग 2685 किलोमीटर की डीपीआर तैयार कर रहा है। केंद्र सरकार के मानकों पर यह डीपीआर बनाई जा रही है। लोक निर्माण विभाग को केंद्र सरकार से मार्च तक नई डीपीआर पर मंजूरी की उम्मीद है। दरअसल, प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तीसरे चरण में हिमाचल के हिस्से 3125 किलोमीटर सडक़ें आई हैं। यानी इन सडक़ों का रखरखाव और दुरुस्त करने पर आगामी दस साल तक बजट खर्च किया जाएगा। केंद्र सरकार पीएमजीएसवाई में पहले भाग में 440 किलोमीटर को मंजूरी दे चुकी है। पहली खेप में कुल 45 सडक़ों को मंजूर किया गया है, जिन पर 442 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। पीएमजीएसवाई की पहली खेप मंजूर करवाने में लोक निर्माण विभाग को काफी वक्त लगा है।

ऐसे में विभाग के अधिकारियों ने दूसरी खेप के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी पूर्व के अनुभवों के आधार पर अपनी तैयारियां कर रहे हैं, ताकि कम समय में विभाग को मंजूरी मिल सके। पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण में अब तक जिन ब्लॉक को मंजूरी मिली है, उनमें तीसा, भटियात, स्पीति, पूह, पच्छाद, संगड़ाह, राजगढ़, धर्मपुर, सराज, छौहारा, रोहड़ू, नग्गर और निरमंड शामिल हैं। इन ब्लॉक में स्कूल, अस्पताल, मंडी, पंचायत भवन और पशु चिकित्सालय को जाने वाली सडक़ों का रखरखाव होगा। पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण को चुनाव से ठीक पहले मंजूरी मिली थी। इसमें जिन ब्लॉक में प्रोजेक्ट मंजूर हुए हैं, उनमें डीपीआर तैयार है और लोक निर्माण विभाग ने टेंडर से जुड़ी तमाम औपचारिकताएं भी पूरी कर ली हैं। आदर्श आचार संहिता के हटते ही इन सडक़ों के टेंडर लगा दिए जाएंगे। हालांकि बर्फबारी की वजह से जरूरत विभाग को मुश्किल पेश आ सकती है।
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