शिमला न्यूज़: हिमाचल में जुलाई में हुई बारिश से न सिर्फ भारी तबाही हुई है बल्कि 50 साल का रिकॉर्ड भी टूट गया है. सबसे ज्यादा असर पर्यटन व्यवसाय पर पड़ा, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. 5 जिलों सोलन, शिमला, मंडी, कुल्लू और किन्नौर में इतना नुकसान हुआ है कि इसकी भरपाई में कई साल लग जाएंगे. इस साल जून तक सब कुछ ठीक चल रहा था.
हालांकि, राज्य में अभी भी 293 सड़कें बंद हैं. दूसरे राज्यों और शहरों से संपर्क टूटने से पर्यटन पर असर पड़ा है. यानी इस नुकसान की भरपाई में कई साल लग सकते हैं.
पर्यटकों की संख्या ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया
पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से जून तक छह महीने में राज्य में 1 करोड़ 6 हजार पर्यटक पहुंचे. अकेले जून में राज्य में 35 लाख पर्यटक आए। लेकिन, जुलाई में आई प्राकृतिक आपदा के कारण पर्यटन कारोबार चौपट हो गया और होटलों में जो ऑक्यूपेंसी अब तक 85% चल रही थी, वह घटकर 2 से 3% रह गई।
पर्यटकों ने होटलों में एडवांस बुकिंग रद्द कर दी। जबकि धर्मशाला में सामान्य बारिश से पर्यटन पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। होटल एसोसिएशन मनाली के अध्यक्ष मुकेश का कहना है कि 20 जुलाई तक मनाली में कारोबार बेहतरीन रहा. 20 जुलाई के बाद भी मनाली में पर्यटन कारोबार 30 से 40 फीसदी, होटलों में ऑक्यूपेंसी 30 फीसदी तक रहती थी. लेकिन, कोरोना के बाद यह पहली बार है कि 7 जुलाई को ही पर्यटन कारोबार शून्य पर पहुंच गया था। मनाली के सभी होटल, होमस्टे और अन्य पर्यटन से जुड़े संस्थान बंद हैं।
लाहौल में हर महीने डेढ़ लाख वाहन पहुंचते थे, जुलाई में सिर्फ 60 हजार
जुलाई में कुल्लू से लाहौल स्पीति तक 60,824 वाहनों की आवाजाही हुई, जो आमतौर पर एक लाख से डेढ़ लाख के बीच होती थी. पिछले एक सप्ताह में लाहौल स्पीति में केवल 9 हजार वाहन गए, लेकिन इसमें पर्यटक वाहन बहुत कम थे. वहीं, पुलिस विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक हफ्ते में शिमला में सिर्फ 4 से 5 हजार वाहन ही दाखिल हुए हैं.